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Bihar Election 2025: 1952 से अब तक सीवान की कितनी महिलाएं पहुंची विधानसभा, जानें किसने बनाया था सदन पहुंचने का रिकॉर्ड

Bihar Election 2025: बिहार की चुनावी मैदान में इस बार सबसे ऊंची आवाज न नेताओं की है, न नारों की. बिहार में महिला वोटर्स अब 'मौन मतदाता' नहीं रहीं, बल्कि बिहार की राजनीति में निर्णायक भूमिका में है, लेकिन एक भी पार्टी ने सीवान की महिलाओं को मौका नहीं दिया.

Bihar Election 2025: जितेंद्र उपाध्याय, सीवान. बिहार के सीवान जिले की आठ विधानसभा सीटों पर अब तक हुए चुनावों में पांच महिलाएं ही सदन तक पहुंच पायी हैं, इसमें भी कई विधानसभा क्षेत्र ऐसे भी हैं, जहां से कभी महिलाओं को प्रतिनिधित्व नहीं मिला. वर्ष 1952 से हुए अब तक चुनावों में पहली बार जिले से बिहार विधानसभा में अनुसुइया देवी पहुंची थी. वर्ष 1957 के चुनाव में अनुसुइया देवी ने कांग्रेस के टिकट पर महाराजगंज सीट से सदन में पहुंची. यह आधी आबादी के लिये पहली सफलता थी, इसके बाद दूसरी कामयाबी वर्ष 1959 में एस देवी को मिली. वे सीवान सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीत कर सदन तक पहुंची. इसके बाद एक बार फिर अनुसुइया देवी को 1972 में बिहार विधान सभा में पहुंचने का मौका मिला.

कांग्रेस के टिकट पर मिली थी कामयाबी

कांग्रेस के टिकट पर ही इस मिली कामयाबी के बाद तीसरी महिला को सदन में पहुंचने में 33 साल के वक्त गुजर गये. इस बीच सत्ता की कुर्सी के लिए राजनीति की धारा में न जाने के कितने विचार बह गये. महिला सशक्तिकरण के खूब दावे होते रहे. इस अवधि में लोकतंत्र के शीर्ष पद पर भी महिलाओं को प्रतिनिधित्व मिला. 2005 में रघुनाथपुर सीट से जगमातो देवी ने निर्दलीय जीत हासिल कर सबको चौंका दिया. यह परिणाम जहां उनके लिये बड़ी सफलता थी, वहीं दलीय राजनीति करने वालों के लिये एक सबक भी. जगमातो देवी की यह कामयाबी यहीं तक नहीं थमी, वे एक बार फिर दरौंदा सीट से जदयू के सिंबल पर 2010 में सदन में पहुंची. जिले के आठ सीटों के लिये वर्ष 2010 का परिणाम कुछ अलग ही था. अब तक के इतिहास में सीवान जिले से दो महिलाओं के जीत कर सदन में पहुंचने का एक उदाहरण यह चुनाव बना.

जीरादेई सीट से चुनाव जीती थीं आशा देवी

दूसरी महिला के रूप में आशा देवी भाजपा से जीरादेई सीट से चुनाव जीती. उधर जीत के इसी क्रम में वर्ष 2011 के चुनाव में जगमातो देवी की बहु कविता सिंह दरौंदा सीट से जदयू से चुनाव जीती. इसके बाद वर्ष 2015 का चुनाव भी जदयू के सिंबल पर कविता सिंह के हाथ लगी. खास बात यह भी है कि विधानसभा तक पहुंचने वाली पांच महिलाओं में तीन महिलाओं के नाम दो -दो बार सदन में पहुंचने का रिकार्ड है, जिसमें अनुसुइया देवी, जगमातो देवी व कविता सिंह शामिल हैं. इसके बाद विधान सभा चुनाव के लिहाज से विजय का यह सफर महिलाओं के लिये थम सा गया. हालांकि लोकसभा चुनाव में सीवान सीट से कविता सिंह व इस बार विजय लक्ष्मी देवी ने जीत दर्ज कर आधी आबादी को बड़ा सम्मान दिया.

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में महिलाओं को किसी दल से नहीं मिला टिकट

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में नामांकन की समय सीमा समाप्त हो जाने के बाद यह साफ है कि इस बार किसी भी पार्टी ने महिला उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया. हालांकि सीवान सदर से लेकर दरौंदा व जीरादेई तक महिलाओं ने अपने नेतृत्व के सामने अपनी अर्जी दी थी.

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Radheshyam Kushwaha
Radheshyam Kushwaha
पत्रकारिता की क्षेत्र में 12 साल का अनुभव है. इस सफर की शुरुआत राज एक्सप्रेस न्यूज पेपर भोपाल से की. यहां से आगे बढ़ते हुए समय जगत, राजस्थान पत्रिका, हिंदुस्तान न्यूज पेपर के बाद वर्तमान में प्रभात खबर के डिजिटल विभाग में बिहार डेस्क पर कार्यरत है. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश करते है. धर्म, राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों को पढ़ते लिखते रहते है.

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