सीवान. छोटी-छोटी पूंजी की कमी से जूझ रहे फुटपाथी दुकानदारों और छोटे व्यवसायियों के लिए प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना अब पहले से कहीं अधिक फायदेमंद साबित हो रही है. सरकार द्वारा योजना में किये गये बदलाव के बाद लाभुकों को न केवल अधिक राशि का ऋण मिल रहा है, बल्कि यह ऋण बेहद कम ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है. इससे शहर के हजारों छोटे दुकानदारों को अपना व्यवसाय बढ़ाने में सीधी मदद मिल रही है. योजना के तहत सरकार ने पहली और दूसरी किस्त की ऋण राशि में बढ़ोतरी की है. पहले जहां पहली किस्त के रूप में 10 हजार रुपये और दूसरी किस्त के रूप में 20 हजार रुपये का ऋण दिया जाता था, वहीं अब पहली किस्त को बढ़ाकर 15 हजार रुपये और दूसरी किस्त को 25 हजार रुपये कर दिया गया है. इसके अलावा पात्र लाभुकों को 50 हजार रुपये तक का क्रेडिट कार्ड भी उपलब्ध कराया जा रहा है, जिस पर ब्याज दर लगभग एक प्रतिशत के आसपास है. जानकारी के अनुसार पीएम स्वनिधि योजना के अंतर्गत बैंकों द्वारा क्रेडिट कार्ड करीब 8.1 प्रतिशत ब्याज दर पर दिया जा रहा है. इसमें से सात प्रतिशत ब्याज सरकार अनुदान के रूप में वहन करती है. इस तरह लाभुकों को केवल एक से डेढ़ प्रतिशत के बीच ब्याज का ही भुगतान करना पड़ता है. इतना ही नहीं, यदि लाभुक डिजिटल माध्यम से लेन-देन करते हैं, तो शेष ब्याज भी कैश बैक के रूप में वापस मिल जाता है. इससे ब्याज का बोझ लगभग समाप्त हो जाता है. शहरी आजीविका मिशन के सिटी मिशन मैनेजर संजय सिंह और अजय सिंह ने बताया कि सरकार का मुख्य उद्देश्य फुटपाथी दुकानदारों और छोटी पूंजी पर काम करने वाले व्यवसायियों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना है. उन्होंने कहा कि इस योजना से छोटे दुकानदार अपने रोजगार को न केवल बनाये रख सकते हैं, बल्कि उसका विस्तार भी कर सकते हैं. नगर परिषद क्षेत्र से अब तक पीएम स्वनिधि योजना के तहत कुल 2046 आवेदन प्राप्त हुए हैं. इनमें से 1000 आवेदनों को स्वीकृति दी जा चुकी है, जबकि 922 लाभुकों को ऋण की राशि सीधे उनके बैंक खाते में भेजी जा चुकी है. समय पर किस्त चुकाने वाले लाभुकों को सरकार की ओर से अब तक करीब दो लाख रुपये की ब्याज सब्सिडी भी दी जा चुकी है. इसके अलावा ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने वाले लाभुकों को दो लाख रुपये तक का कैश बैक भी मिला है, जिससे छोटे दुकानदारों को बड़ी राहत मिली है. अधिकारियों ने बताया कि पीएम स्वनिधि योजना के तहत आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है. नगर परिषद द्वारा सत्यापन के बाद आवेदन सीधे बैंकों को भेज दिये जाते हैं. इससे लाभुकों को दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते और समय की भी बचत होती है. योजना के प्रति बढ़ती जागरूकता के कारण फुटपाथी दुकानदारों ने उत्साहपूर्वक आवेदन किया है. चालू वर्ष में भी अब तक 2046 से अधिक नये आवेदन प्राप्त हो चुके हैं. पीएम स्वनिधि योजना की सबसे खास बात यह है कि इसमें ब्याज दर नाममात्र की होती है. बैंक जहां लगभग साढ़े आठ प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण देते हैं, वहीं सरकार सात प्रतिशत ब्याज स्वयं वहन करती है. शेष ब्याज भी डिजिटल लेन-देन पर कैश बैक के रूप में वापस मिल जाता है. इस वजह से लाभुकों पर ब्याज का बोझ लगभग नहीं के बराबर रहता है. शहर में सबसे अधिक आवेदन सब्जी, फल, चाय-नाश्ता, जूस, अंडा और अन्य फुटपाथी दुकानों से आये हैं. योजना के तहत नियमित रूप से किस्त जमा करने वाले दुकानदारों को आगे चलकर अधिक राशि का ऋण लेने का अवसर भी मिलता है. साथ ही जिन लाभुकों का बैंक में क्रेडिट रिकॉर्ड अच्छा रहता है, उन्हें भविष्य में किसी भी प्रकार के ऋण लेने में आसानी होती है. इस तरह पीएम स्वनिधि योजना छोटे कारोबारियों के लिए संजीवनी साबित हो रही है.
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