प्रतिनिधि, गुठनी. प्रखंड में नल जल योजना पूरी तरह दम तोड़ती दिखाई दे रही है. राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण और शहरी इलाकों के प्रत्येक घरों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना था. लेकिन अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों के कारनामे ने इस महत्वाकांक्षी योजना पर पानी फेर दिया. जानकारी के अनुसार प्रखंड के 152 वार्डों में इस योजना का शुभारंभ किया गया था. जिनमें करीब 80 वार्डों में नल जल योजना पूरी तरह बंद हो गई है. या उनसे किसी तरह की सप्लाई लोगों तक नहीं पहुंच पाती. आश्चर्य की बात तो यह है कि प्रत्येक गुरुवार को किए गए जांच में अधिकारियों को बंद पड़े नल जल योजना नहीं दिखाई पड़ती. ग्रामीणों का कहना है कि अधिकतर नल जल योजना में लूट खसोट की गई है. जिससे इस महत्वाकांक्षी योजना को अंजाम तक नहीं पहुंचाया जा सका. करीब 80 वार्डों में नल जल योजना पूर्णतः बंद- प्रखंड में नल जल योजना में धांधली का आलम यह है की करीब 80 से अधिक वार्डों में योजना पूरी तरह बंद हो गई है. जिनमें बलुआ में करीब 9, बेलौर में 8, जतौर में 06, टड़वा में 05, सोहगरा में 06, बरपलिया में 06 नल जल पूरी तरह बंद है. वहीं करीब आधा दर्जन पंचायतों में लगे इस महत्वाकांक्षी योजनाओं का बुरा हाल है. ग्रामीणों की माने तो अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों की उदासीनता और लापरवाही से स्वच्छ जल उन तक पहुंच नहीं पा रहा है. वही अधिकारी इस पूरे मामले में लीपापोती करने में जुटे हुए हैं. निरीक्षण के दौरान भी नही होती है दोषियों पर कार्रवाई नल जल योजना जहां पूरी तरह असफल साबित हो रही है वहीं ग्रामीणों का कहना है कि गुरुवार को होने वाले निरीक्षण में अधिकारियों को इनकी गड़बड़ियां क्यों नहीं दिखाई देती है. जहां जहां ग्रामीणों द्वारा बंद की शिकायत की गई है. उन लोगों पर आखिर क्यों नहीं करवाई की गई. लोगों ने डीएम, मुख्यमंत्री, जल संसाधन मंत्री, मुख्य सचिव समेत राज्य के वरीय अधिकारियों से जांच की मांग की है. क्या कहते बीडीओ बीडीओ डॉ संजय कुमार ने बताया कि जिले से इसके मेंटेनेंस की एजेंसी बनी हुई है. हालांकि जो नल जल योजना पूर्ण रूप से ठीक है और सप्लाई नहीं हो रही है शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जायेगी.
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