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वैज्ञानिक बनने की राह में रोड़ा बन रहे लैब

मनीष गिरि, सीवान : गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने के नाम पर सरकार भले ही करोड़ों रुपये खर्च करने का दावा करती है. परंतु धरातल पर इसका फलाफल कुछ और ही है. आधारभूत सुविधाओं की कमी जिले के सभी शिक्षण संस्थानों में है. प्राथमिक को कौन कहे महाविद्यालय भी इससे इतर नहीं है. गुरुवार को प्रभात […]

मनीष गिरि, सीवान : गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने के नाम पर सरकार भले ही करोड़ों रुपये खर्च करने का दावा करती है. परंतु धरातल पर इसका फलाफल कुछ और ही है. आधारभूत सुविधाओं की कमी जिले के सभी शिक्षण संस्थानों में है.

प्राथमिक को कौन कहे महाविद्यालय भी इससे इतर नहीं है. गुरुवार को प्रभात खबर की टीम कॉलेजों में जब प्रयोगशाला कक्षों की जानकारी लेने पहुंची, तो स्थिति भविष्य की भयावहता को प्रदर्शित कर रहा था. शिक्षक सहित छात्रों के प्रतिदिन का मानसिक द्वंद साफ झलक रहा था.
विज्ञान पढ़ाने के नाम पर छात्रों के साथ छलावा किया जा रहा है. जिले में एक दर्जन से अधिक कॉलेज संचालित है. जिसमें छह जय प्रकाश विश्वविद्यालय छपरा के अंगीभूत इकाई है, जबकि शेष को संबद्ध प्राप्त है. संबद्धता प्राप्त कॉलेजों में प्रायोगिक कक्षाओं के नाम पर खानापूर्ति करने की बात करें तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी.
वहीं अंगीभूत कॉलेजों में भी प्रायोगिक कक्षों की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. कर्मियों से लेकर उपकरणों की कमी है. कही कही तो भवन की भी कमी है. मानक शब्द इन कॉलेजों में फुट नहीं बैठता है. बिना प्रयोगशाला ही छात्र वैज्ञानिक बनने की राह पर अग्रसर हैं.
कर्मियों की कमी से जूझ रहे डीएवी के कई विभाग : जिले के प्रीमियम कॉलेज में शुमार डीएवी पीजी कॉलेज सीवान के कई विभाग कर्मियों की कमी से जूझ रहा है.
रसायन विज्ञान प्रयोगशाला, भौतिक विज्ञान प्रयोगशाला के भूगोल विभाग के प्रयोगशाला का दौरा प्रभात खबर की टीम ने किया. कमियों के बावजूद स्थिति अन्य कॉलेजों से बेहतर दिखी. हालांकि कुछ विभाग के लैब को लेकर शिकायतें भी मिली. रसायन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ शमशाद अहमद खान की माने तो कर्मियों की कमी उन्हें बहुत खलती है.
40 फीसदी मार्क्स दिया एचओडी ने
भौतिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अरविंद कुमार को भी व्यवस्था से शिकायतें है. वे बताते है कि मैन पावर की कमी ने छात्रों को प्रैक्टिकल से दूर कर दिया है. उनका कहना है कि हमारे पास उपकरण तो हैं पर कर्मी नहीं है, जो छात्रों को सहयोग प्रदान कर सके. इनके बातों का समर्थन डॉ सैयद रेयाज हसने ने भी किया.
राजा सिंह कॉलेज का लैब औसत दर्जे का
प्रभात खबर की टीम का दूसरा पड़ाव राजा सिंह कॉलेज था. टीम ने रसायन शास्त्र, भौतिकी, जूलॉजी, बोटनी, साइकॉल्जी व भूगोल विभाग का दौरा किया. दो विभाग रसायन शास्त्र व भूगोल को छोड़कर शेष की स्थिति औसत दर्जे का है. यहां भी कर्मियों की कमी दिखी. सहायक कर्मियों की स्थिति शून्य है. शिक्षकों की बात करें तो तीन विभाग नदारद है. भौतिकी, बोटनी व साइकॉल्जी में एक भी शिक्षक नहीं है.
प्रयोगिक कक्षाओं के संचालन का अंदाजा इससे सहज ही लगाया जा सकता है. रसायन शास्त्र, जूलोजी व भूगोल विभाग में एक-एक शिक्षक हैं. इस कॉलेज में नये भवन बनने के बाद भी लैब की कमी है. पुराने तंग कमरों में प्रायोगिक कक्षाओं का संचालन होता है. आवश्यक उपकरण की कमी है. बावजूद इसके शिक्षकों का कहना है कि सीमित संसाधन में बेहतर करने का प्रयास जारी है.
भूगोल विभाग की सुधर रही स्थिति
भूगोल विभाग भी स्थिति वहीं है. कॉलेज परिसर में फैले झाड़ियों के बीच छात्रों को प्रयोग करने में दिक्कतें आती है. डॉ रामानुज कौशिक बताते हैं कि पांच स्वीकृत शिक्षकों के पद में दो नियमित और दो गेस्ट शिक्षक है. उनका कहना है कि पहले से भूगोल विभाग की स्थिति में बहुत सुधार हुआ है. उपकरणों की कमी को कॉलेज प्रशासन पूरा करने का प्रयास कर रहा है.
कमिश्नरी में है जूलॉजी का लैब
कमियों के बीच महाविद्यालय का जूलॉजी विभाग सुकून देता है. विभागाध्यक्ष डॉ रीता कुमारी बताती है कि सारण कमिश्नरी में जूलॉजी विभाग का लैब सबसे रिच है. उन्होंने लैब के बारे में अपने विभाग को 70 फीसदी मार्क्स दिया. वहीं डीएवी पीजी कॉलेज में रसायन शास्त्र, भौतिक विज्ञान, भूगोल, जूलॉजी, बोटनी व साइकॉल्जी विभाग में प्रायोगिक कक्षाओं का संचालन होता है.
बोले प्राचार्य
महाविद्यालय के सभी लैब एक्टिव मोड में हैं. उपकरण सहित अन्य संसाधन पर्याप्त है. छात्र नियमित प्रायोगिक कक्षाओं में शामिल होते हैं.
डॉ अजय कुमार पंडित, प्राचार्य, डीएवी पीजी कॉलेज सीवान
महाविद्यालय में छात्रों की संख्या अच्छी है. शिक्षकों की कमी है. प्रयोगशालाओं में सहायक नहीं है. बावजूद इसके प्रायोगिक कार्यों को संपन्न कराया जाता है. जंतु विज्ञान, भौतिक विज्ञान तथा मनोविज्ञान विभाग में स्थायी शिक्षक नहीं है.
डॉ उदय शंकर पांडे, प्राचार्य, राजा सिंह कॉलेज, सीवान

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