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सूबे के 10 सरकारी/निजी 10 बैंक चिन्हित

कुछ वर्षों से सीतामढ़ी समेत तमाम जिलों में साईबर वित्तीय फ्रॉड की घटनाओं में काफी इजाफा हुआ है. दिन पर दिन साईबर फ्रॉड की संख्या बढ़ती जा रही हैं.

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सीतामढ़ी. कुछ वर्षों से सीतामढ़ी समेत तमाम जिलों में साईबर वित्तीय फ्रॉड की घटनाओं में काफी इजाफा हुआ है. दिन पर दिन साईबर फ्रॉड की संख्या बढ़ती जा रही हैं. उसी के अनुपात में वित्तीय फ्रॉड भी काफी बढ़ रहे है. इसको लेकर सरकारें चिंतित है. पुलिस भी साईबर फ्रॉड के बढ़ते मामलों से निबटने में परेशान हैं. अब तो आरबीआई भी इस गंभीर समस्या को लेकर खासा गंभीर है. दो दिन पूर्व आरबीआई की ओर से साईबर फ्रॉड की घटनाओं से बचाव/कार्रवाई के लिए सीतामढ़ी में 80 डीएसपी को विशेष प्रशिक्षण दिया है. इस बीच, एक बड़ा खुलासा हुआ है कि साईबर अपराधी जो भी वित्तीय धोखाधड़ी करते है, उसे सूबे के बैंकों में ही रखते है. इसका पता चल गया है. — विधायक के सवाल पर हुआ खुलासा

दरअसल, बाजपट्टी विधायक मुकेश कुमार यादव के स्तर से विधान सभा में पूछे गए एक तारांकित सवाल के जवाब में गृह विभाग की ओर से फ्रॉड से हासिल पैसे को साईबर अपराधियों के द्वारा बैंकों में रखे जाने की जानकारी दी गई है. लिखित जवाब में गृह विभाग (विशेष शाखा) के अवर सचिव भवेश कुमार सरदार ने उन्हें जिलों के नामों की जानकारी दी है, जहां के बैंकों में साईबर अपराधी फ्रॉड करने से प्राप्त पैसे को रखते है. बताया है जिन बैंकों में खाते में फ्रॉड से प्राप्त पैसे है, उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए आरबीआई को लिखा गया है.

— विधायक के सवाल की विभाग से पुष्टि

विधायक यादव ने विस में पूछा था ” क्या यह बात सही है कि साईबर अपराधी द्वारा ठगी की जाने वाली राशि पटना स्थित छः निजी बैंक, पटना में पश्चिम गाँधी मैदान स्थित एक सरकारी बैंक, अररिया में डीएवी चौक स्थित एक सरकारी बैंक एवं बेतिया के सुप्रिया रोड स्थित सरकारी बैंक में रखी गई है. साथ ही उक्त बैंकों के संबंधित खातों से व्यापक पैमाने पर राशि जमा एवं निकासी की गई है. यदि हां तो सरकार उक्त बैंकों के खिलाफ कब तक कार्रवाई करने का विचार रखती है, नहीं तो क्यों; “.उनके उक्त सवाल की विभाग ने लिखित तौर पर पुष्टि की है.

— इन जिलों के बैंकों में फ्रॉड के पैसे

गृह विभाग ने लिखित जवाब में बताया है “वस्तुस्थिति यह है कि साईबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए जनवरी- 2024 से नवंबर- 2024 तक प्रतिवेदित ऑनलाईन वित्तीय धोखाधड़ी की शिकायतों में साईबर अपराध में प्रयुक्त बैंक खातों का विश्लेषण किया गया है. बिहार राज्य के सर्वाधिक “म्यूल अकाउंट्स ” (यानी जिन बैंकों के जिस खाते में वित्तीय धोखाधड़ी से प्राप्त राशि को रखी जाती है, उस खाते को म्यूल खाता कहा जाता है) 10 बैंक शाखाओं को चिह्नित किया गया है. चिन्हित सरकारी/निजी बैंक शाखाओं में से पटना शहर में छह, अररिया, पूर्णिया, बेतिया एवं सिवान में एक-एक बैंक खाता संचालित हैं. उक्त बैंक शाखाओं पर कार्रवाई करने हेतु आर्थिक अपराध इकाई के माध्यम से उप निदेशक, क्षेत्रीय कार्यालय, भारतीय रिजर्व बैंक, पटना से अनुरोध किया गया है. ”

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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