सीतामढ़ी. जिले के बेलसंड प्रखंड के एक रिश्वतखोर आवास सहायक लालबाबू प्रसाद के खिलाफ बीडीओ ने प्राथमिकी दर्ज कराई है. वह जाफरपुर पंचायत का आवास सहायक है. इसे अतिरिक्त प्रभार में भंडारी भी दिया गया है. लाभार्थियों ने आवास सहायक को पैसे देने की बात कही है, जबकि उक्त कर्मी की दलील है कि लाभार्थियों ने खुशी से उसे 500-1000 रूपये देते है. बेलसंड प्रमुख ने आवास कर्मी की शिकायत डीएम से की थी. डीएम रिची पांडेय ने डीडीसी मनन राम को सौंपी थी. जांच रिपोर्ट के आलोक में डीएम के आदेश पर प्राथमिकी की कार्रवाई की गई है.
प्रमुख की शिकायत थी कि डुमरा नूनौरा पंचायत की रुखसाना खातून और मेहरून खातून को पीएम आवास के प्रथम किस्त का भुगतान हुआ है, जबकि इन दोनों के पति को पूर्व में ही योजना का लाभ मिल चुका है. रिश्वत लेकर आवास कर्मी द्वारा यह सब किया गया है. डीडीसी की जांच में आरोप की पुष्टि हुई. यह पता चला कि दोनों के पतियों कमरूल व बदरूल को वर्ष 2010-11 में आवास का लाभ मिला था. पूछताछ ने आवास कर्मी ने डीडीसी को बताया कि पूर्व में आवास का लाभ मिलने की सूचना पर बैंक को पत्र भेजकर भुगतान पर रोक लगा दी गई है. वैसे वसूली अबतक नहीं हुई है.
— लाभार्थियों से अवैध वसूली की पुष्टि
जाफरपुर में जांच के दौरान डीडीसी को एक लाभार्थी शांति देवी की सास गुजरी देवी ने स्वीकार किया कि प्रथम किस्त 40 हजार मिलने के बाद आवास कर्मी द्वारा उससे पांच हजार रूपया वसूल किया गया. कुछ दिनों के बाद दूसरा व्यक्ति आया और उसने भी पांच हजार मांगकर ले गया. आवास स्वीकृति पूर्व फोटो व अन्य कार्य लिए भी उससे पैसे लिए गए थे. बद्री राय की पत्नी सुमित्रा देवी ने प्रथम किस्त 40 हजार मिलने पर पांच हजार रूपया आवास कर्मी को देने की बात कही. लालबाबू मुखिया की पत्नी मीना देवी भी पांच रिश्वत देने की बात स्वीकार की है. सत्येन्द्र महतो ने आवास सहायक को किसी प्रकार की राशि देने की बात नही कही. आवास कर्मी ने डीडीसी को बताया कि वह रिश्वत नहीं लेता है. लोग स्वेच्छा से 500 से 1000 रूपये देते है. डीडीसी ने डीएम से जांच रिपोर्ट के साथ आवास कर्मी पर प्राथमिकी की अनुशंसा की थी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है