बैरगनिया. इंडो-नेपाल सीमा से सटे नेपाल के रौतहट जिला मुख्यालय गौर स्थित भंसार कार्यालय के मुख्य द्वार पर सब्जी, फल, मछली व कच्चे खाद्य पदार्थ विक्रेताओं ने रविवार को नौ दिवसीय धरना- प्रदर्शन शुरू कर दिया. उनका कहना था कि मांगे पूरी नहीं होने पर 29 अप्रैल को भंसार कार्यालय में तालाबंदी की जाएगी. रौतहट व्यवसायी संघ द्वारा एक सप्ताह पूर्व कौशल साह के नेतृत्व में भंसार कार्यालय प्रमुख को नेपाल के अर्थ मंत्री के नाम से संबोधित ज्ञापन पत्र सौंपकर जांच कार्यालय खोलने की मांग की गई थी. साथ हीं चेतावनी दी गई थी कि यदि मांग पूरी नहीं हुई तो प्रथम चरण में धरना-प्रदर्शन व फिर कार्यालय में तालाबंदी की जाएगी. बावजूद जांच कार्यालय नहीं खोला जा सका. है। ज्ञात हो कि पहले से ही गौर भंसार होकर आलू, प्याज, सब्जी व मछली समेत अन्य कच्चे खाद्य पदार्थों को नेपाल के विभिन्न क्षेत्रों में व्यवसायियों द्वारा भेजा जाता था, परंतु नेपाल सरकार ने इन कच्चे खाद्य पदार्थों को खाने योग्य है या नहीं इसकी जांच किये बिना नेपाल में भेजने पर प्रतिबंध लगा दिया. इसके बाद से बैरगनिया-गौर बॉर्डर होकर उक्त सामानों का निर्यात पूरी तरह ठप हो गया है. इसको लेकर अब आंदोलन को तेज किया जा रहा है. बता दें कि स्थानीय बॉर्डर के आसपास भारतीय क्षेत्र में आलू-प्याज के आधा दर्जन से अधिक गद्दी खुले हुए है, जहां से प्रतिदिन साइकल, ऑटो रिक्शा, बाइक आदि से प्रतिदिन कई ट्रक माल नेपाल में जाता है. बावजूद नेपाल की सरकार जांच केंद्र खोलने के मामले में उदासीनता दिखा रही है. नेपाल सरकार की इस रवैए से एक तरफ नेपाल के तराई इलाके में आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है तो दूसरी तरफ नेपाल सरकार को लाखों रुपए राजस्व की हानि भी हो रही है.
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