प्रतिनिधि, सीतामढ़ी. स्थानीय मंडल कारा में क्षमता से अधिक बंदी हैं. दोगुना से थोड़े ही कम बंदी हैं. हमेशा से जेल में क्षमता से अधिक बंदी रहते रहे हैं. कमरों की कमी के बीच कैसे निर्धारित संख्या से अधिक बंदी रहते हैं, का अंदाजा सहज लगाया जा सकता है. जेल की यह कड़वी सच्चाई है, जिसका खुलासा आरटीआइ से हुआ है. रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि सूबे के 31 मंडल कारा में क्षमता से अधिक बंदी रह रहे हैं. कारा एवं सुधार निदेशालय के अवर सचिव विनोद कुमार प्रभाकर ने शिवहर जिले के आरटीआइ कार्यकर्ता मुकुंद प्रकाश मिश्र को जेलों की क्षमता एवं वर्तमान में रह रहे बंदियों के आंकड़े की जानकारी दी है. विभाग ने उन्हें रिपोर्ट भेज जानकारी दी है कि सीतामढ़ी जेल में 704 पुरुष व 72 महिला बंदियों के रहने की क्षमता है. फिलहाल यहां 1257 पुरुष व 67 महिला बंदी रह रही हैं.
इन जेलों में क्षमता से अधिक बंदी
जिन जेलों में क्षमता से अधिक बंदी रह रहे हैं, उनमें केंद्रीय कारा बेऊर, पटना में 2360 की जगह 4557 बंदी हैं. मंडल कारा, हाजीपुर में 1141 की जगह 1300, आरा जेल में 1393 की जगह 1412, केंद्रीय कारा मोतिहारी में 2503 की जगह 3611, गोपालगंज 1100 की जगह 1291 बंदी हैं. बेगूसराय, बांका, मुंगेर, शेरघाटी समेत 31 जेलों में क्षमता से अधिक बंदी हैं.
इन जेलों में क्षमता से कम हैं बंदी
रिपोर्ट के अनुसार, 28 जेलों में क्षमता से कम बंदी है. उपकारा मसौढी में क्षमता 253 की है और रह रहे हैं 210 बंदी. इस तरह उपकारा, हिलसा में 410 की जगह 298, केंद्रीय कारा बक्सर में 1597 की जगह 1144, महिला मंडल कारा, बक्सर में 69 की जगह 49, मुक्त कारा, बक्सर में 104 की जगह 95, सासाराम जेल में 1278 की जगह 1067, उपकारा विक्रमगंज में 307 की जगह 251 बंदी हैं. इधर, उपकारा बगहा, बेनीपुर, बेनीपट्टी, रोसड़ा, बीरपुर, उदाकिशनगंज, नवगछिया, दाउदनगर, मंडल कारा क्रमश: मधुबनी, समस्तीपुर, शिवहर, किशनगंज, अररिया, मुंगेर, जमुई, शेखपुरा, जहानाबाद, केंद्रीय कारा भागलपुर व गया, महिला मंडल कारा भागलपुर, विशेष केंद्रीय कारा भागलपुर में क्षमता से कम बंदी रह रहे हैं.
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