Bihar Railway Project: बिहार के सीमावर्ती जिलों सीतामढ़ी, शिवहर और मोतिहारी के निवासियों के लिए बड़ी खुशखबरी है. वर्षों से लंबित रेल लाइन परियोजना को अब नई गति मिल गई है. रेलवे ने बागमती नदी पर आधुनिक पुल बनाने का निर्णय लिया है, जो तीनों जिलों को सीधे जोड़ देगा और यात्री तथा माल परिवहन में तेजी लाएगा.
निर्माण स्थल पर सक्रिय तैयारी
रेलवे और निर्माण एजेंसियों ने साइट पर लगातार निरीक्षण शुरू कर दिया है. पाइलिंग और भूमि तैयारियों के लिए स्थान चिन्हित कर लिया गया है. 2006-07 में मंजूरी मिलने के बाद तकनीकी और प्रशासनिक अड़चनों के कारण परियोजना रुकी रही. अब सक्रिय निरीक्षण और तैयारियों ने स्थानीय लोगों की उम्मीदें बढ़ा दी हैं.
परियोजना की तकनीकी और आर्थिक जानकारी
इस रेलखंड की कुल लंबाई लगभग 78.92 किलोमीटर है और अनुमानित लागत 644 करोड़ रुपये है. भूमि अधिग्रहण का काम लगभग पूरा हो चुका है, जिसमें 80 प्रतिशत किसानों को मुआवजा दिया जा चुका है. जल्द ही पटरियों का बिछाव और स्टेशनों का निर्माण शुरू होगा.
स्टेशन और हॉल्ट की योजनाएं
रेल विभाग ने रेवासी और शिवहर में क्रॉसिंग स्टेशनों का निर्माण तय किया है. इसके अलावा धनकौल, सुगिया कटसरी और चिरैया में हॉल्ट स्टेशन प्रस्तावित हैं. इससे ग्रामीण इलाकों के लोग भी रेल सुविधा का लाभ उठा सकेंगे और यातायात आसान होगा.
सामाजिक और आर्थिक महत्व
इस परियोजना से सीमावर्ती जिलों के बीच संपर्क सुगम होगा. सीतामढ़ी से ट्रेनें रेवासी, शिवहर, पताही और ढाका होते हुए बापूधाम मोतिहारी तक चलेंगी. इससे किसानों को अपने उत्पाद बाजार तक पहुंचाने में मदद मिलेगी और युवाओं के लिए शिक्षा व रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. यह रेल लाइन सैकड़ों गांवों और लाखों लोगों की उम्मीदों की रेल बनकर क्षेत्रीय विकास में नई रफ्तार लाएगी.
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