सीतामढ़ी. जिले के सोनबरसा बीपीआरओ पर पांच हजार का आर्थिक दंड लगने के बाद अब बीडीओ पर आर्थिक दंड लगना तय माना जा रहा है. मामला यह है कि चार वर्षों बाद भी आरटीआई के तहत आवेदक को न तो सूचना मिली है और न दोषी पदाधिकारी पर कार्रवाई की गई है. राज्य सूचना आयोग के निर्देश के बाद अब तक पत्राचार में ही यह मामला उलझा हुआ है. इस मामले में भी वही आवेदक है, जिनके एक अन्य केस में आयोग द्वारा गत दिन सोनबरसा के बीपीआरओ व भुतही के पंचायत को आर्थिक दंड लगाया गया था. — क्या है यह पूरा मामला बताया गया है कि भूतही के यदुवंश पंजियार को वर्ष 2020 में 21,000 रूपया ग्राम कचहरी में बतौर दंड देना पड़ा था, लेकिन इसका कोई बिल ग्राम कचहरी से नहीं मिल सका था. काफी प्रयास के बाद जब बिल नहीं मिला, तो पंजियार ने इसकी शिकायत पीएमओ से शिकायत की. वहां से डीएम के यहां पत्र आया, पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. इसकी जानकारी उन्होंने आरटीआई से मांगी. सूचना नहीं मिलने पर आयोग के यहां अपील में गए. जिला प्रशासन द्वारा आयोग को सूचना दी गई कि सूचना उपलब्ध करा दी गई है. वैसे आयोग ने एक वर्ष चार माह विलंब से सूचना देने के लिए दोषी के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुशंसा की. — कहां-कहां पहुंचा यह मामला यह मामला पुलिस मुख्यालय, पटना पहुंचा. वहां से गृह विभाग (विशेष शाखा) को भेज दिया गया. गृह विभाग ने सामान्य प्रशासन विभाग को ट्रांसफर कर दिया. यह कहते हुए कि उनके विभाग के क्षेत्राधिकार में मामला नहीं आता है. यही बात लिखकर सामान्य प्रशासन विभाग ने डीएम को मामला ट्रांसफर कर दिया, जिसके आलोक में जिला पंचायत राज पदाधिकारी ने अपने क्षेत्राधिकार का मामला नहीं होने की बात का उल्लेख कर सोनबरसा बीडीओ को उक्त मामला भेज दिया. साथ ही यह अवगत करा दिया है कि बिलंब से सूचना देने में विलंब के लिए 250 रूपये प्रतिदिन की दर से आर्थिक दंड निर्धारित करने को निर्देशित किया गया है. आवेदक पंज़ियार ने बताया कि न तो सूचना मिली है और न दोषी पर कार्रवाई ही हुई है.
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