सीतामढ़ी : सीडीपीओ भावना कुमारी के कार्यालय में घुस कर दुर्व्यवहार करने के आरोप में पुलिस ने डुमरा प्रखंड प्रमुख स्मिता कुमारी व उनके पति विजय कुमार को गिरफ्तार कर लिया. कड़ी सुरक्षा के बीच दोनों को गुरुवार की शाम पुलिस अपने साथ थाना ले गयी. हालांकि, प्रमुख व उनके पति को आइपीसी की धारा 41 का लाभ देते हुए जमानत पर रिहा कर दिया गया. इस दौरान विधि-व्यवस्था बनाये रखने व मामले की जांच के लिए अपर समाहर्ता जयकुमार द्विवेदी, एएसपी राजीव रंजन, एएसपी अभियान संजीव कुमार व बीडीओ संजय कुमार सिन्हा भी पहुंचे.
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गये थे सीडीपीओ को रंगेहाथ पकड़ने, जाना पड़ा हवालात
सीतामढ़ी : सीडीपीओ भावना कुमारी के कार्यालय में घुस कर दुर्व्यवहार करने के आरोप में पुलिस ने डुमरा प्रखंड प्रमुख स्मिता कुमारी व उनके पति विजय कुमार को गिरफ्तार कर लिया. कड़ी सुरक्षा के बीच दोनों को गुरुवार की शाम पुलिस अपने साथ थाना ले गयी. हालांकि, प्रमुख व उनके पति को आइपीसी की धारा […]
बताया जाता है कि गुरुवार को दोपहर करीब दो बजे प्रखंड विकास कार्यालय परिसर स्थित सीडीपीओ भावना कुमारी के कार्यालय कक्ष में पंचायत समिति सदस्यों की भीड़ लगी थी. सदस्य सीडीपीओ पर आंगनबाड़ी केंद्रों से अवैध वसूली करने का आरोप लगाकर हंगामा
गये थे सीडीपीओ
कर रहे थे. एक पंसस के हाथ में लाखों रुपये के नोट थे. प्रमुख स्मिता का कहना था कि आंगनबाड़ी केंद्रों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर खामोश रहने के लिए सीडीपीओ सेविका व सहायिका से तीन-तीन हजार रुपये महीना लेती हैं. शिकायत पर किसी तरह की जांच भी नहीं करती हैं. इस कारण पंचायत प्रतिनिधियों को जनता से अपमान सहना पड़ता है. सीडीपीओ को रंगे हाथ दबोचने के लिए पंसस कई दिनों से पीछे लगे थे. सूचना मिली थी कि कार्यालय में वसूली होनेवाली है. जब वे लोग पहुंचे, तो कार्यालय से लाखों के नोट बरामद हुए. पंसस को देखकर लेखापाल ने वसूली गयी लाखों की राशि को खिड़की के बाहर फेंक दिया.
पति के साथ डुमरा प्रखंड प्रमुख गिरफ्तार, जमानत पर पुलिस ने किया रिहा
सीडीपीओ ने लगाया दुर्व्यवहार का आरोप
प्रखंड प्रमुख ने सीडीपीओ पर लगाया रिश्वतखोरी का आरोप
पुलिस छावनी में तब्दील हुआ प्रखंड विकास कार्यालय
सीडीपीओ का आरोप
सीडीपीओ का कहना है कि घटना के दिन प्रमुख, प्रमुख पति, उपप्रमुख समीर कुमार, पंसस भोला सहनी, कुम्हरा व मिर्जापुर पंचायत के पंचायत समिति सदस्य पति के अलावा अन्य पंसस व उनके पति कार्यालय में घुस कर दुर्व्यवहार करने लगे. उनके व कर्मियों के पर्स व शरीर की जांच करने लगे. वे लोग धक्का-मुक्की भी कर रहे थे. मोबाइल छीन कर सरकारी कागजात को उलट-पुलट दिया. सरकारी वाहन को जलाने का प्रयास करते हुए जान मारने की धमकी दी.
दोनों पक्षों का बयान लेने व जांच के बाद ही स्पष्ट कुछ कहा जा सकता है. हालांकि, यह कहा जा सकता है कि सीडीपीओ कार्यालय की तलाशी लेने का अिधकार पंचायत प्रतिनिधियों को नहीं है. अगर ऐसा हुआ है तो यह गलत है.
जयकुमार द्विवेदी, एडीएम
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