समस्तीपुर : रहमत व बरकत का महीना रमजान मंगलवार से शुरू हो गया. लोग नियम के अनुसार रोजा रख कर शाम को नियत समय पर इफ्तार किया. इसके साथ ही अगले दिन के रोजे की तैयारी में जुट गये. इसके साथ ही दावते इफ्तार का दौर भी आरंभ हो गया. पहले दिन कई बच्चों ने भी रोजा रख कर अल्लाह से दुआएं मांगीं. जानकारी के अनुसार, रजमान उल मुबारक इस्लामिक कैलेंडर का नौवां महीना है. इसमें अल्लाह शैतान को कैद कर देता है.
इससे कि वह लोगों की इबादत में खलल न डाले. रमजान उल मुबारक में हर नेकी का सवाब 70 गुना कर दिया जाता है. रमजान के पूरे महीनों को तीन अशरों में बांटा गया है. रमजान के पहले रोजे से 10 वें रोजे तक पहला अशरा, 11 वें रोजे से 20 वें रोजे तक दूसरा अशरा और 21 वें रोजे से 30 वें रोजे तक तीसरा अशरा कहा जाता है. रमजान के पहले अशरे में अल्लाह की रहमत के लिए ज्यादा से ज्यादा इबादत की जानी चाहिए. इसी तरह रमजान के दूसरे अशरे में अल्लाह से अपने गुनाहों की माफी मांगनी चाहिए. रमजान की तीसरा अशरा जहन्नम की आग से अल्लाह की पनाह मांगने का है.