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दर्जनभर भटके बच्चों को मिला मां का प्यार
सीतामढ़ी : चाइल्ड लाइन की सीतामढ़ी शाखा की मदद से दर्जन भर बच्चे अपने माता-पिता से मिल सके हैं. ये बच्चे भटक गये थे, जिसे चाइल्ड लाइन ने अपने संरक्षण में रखे हुए था. संस्था के मुकेश कुमार, कमलेश झा व रंजीत कुमार झा बताया कि समस्तीपुर जिले का आठ वर्षीय निरहुआ नामक बच्च भटक […]
सीतामढ़ी : चाइल्ड लाइन की सीतामढ़ी शाखा की मदद से दर्जन भर बच्चे अपने माता-पिता से मिल सके हैं. ये बच्चे भटक गये थे, जिसे चाइल्ड लाइन ने अपने संरक्षण में रखे हुए था. संस्था के मुकेश कुमार, कमलेश झा व रंजीत कुमार झा बताया कि समस्तीपुर जिले का आठ वर्षीय निरहुआ नामक बच्च भटक गया था.
नगर थाना पुलिस ने उसे बाल कल्याण समिति को सौंप दिया था. कुछ हीं दिन बाद निरहुआ को उसके माता-पिता से मिला दिया गया.
माता-पिता की शरण में पहुंचे बच्चे
चाइल्ड लाइन ने परसौनी थाना क्षेत्र के राजा परसौनी गांव की 13 वर्षीय पूजा कुमारी को उसके पिता मणीश्वर झा व माता नूतन देवी के हवाले कर दिया है. लखनदेई नदी पुल के समीप मिली तीन वर्षीया बच्ची, 12 वर्षीय दीपक खलीफा, सात वर्षीय रइस खलीफा, 17 वर्षीया अर्ध विक्षिप्त माया कुमारी, नगर थाना क्षेत्र के बसबरिया टोला की चार वर्षीया कुसुम कुमारी को भी उसके माता-पिता मिल गये हैं.
बताया कि नानी के साथ बाजार जाने के क्रम में भटकी 10 वर्षीया गूंजा कुमारी को श्यामपुर भटहां थाना क्षेत्र के कटसरी निवासी उसके माता-पिता से मिला दिया गया है.
दुराचार की शिकार थी किशोरी
चाइल्ड लाइन के मुकेश कुमार ने बताया कि रीगा थाना के एक गांव की 12 वर्षीया किशोरी को 65 वर्षीय एक वृद्ध नेपाल से रक्सौल लाया और शादी की नीयत से उसे जबरन ट्रेन में बैठा रहा था. शोर-शराबा होने पर स्कॉट पार्टी द्वारा किशोरी को मुक्त कराने के साथ हीं वृद्ध को पकड़ लिया गया था. किशोरी को चाइल्ड लाइन के हवाले किया गया था.
चिकित्सीय जांच में यह आया था कि उक्त किशोरी के साथ आधा दर्जन से अधिक बार दुराचार किया गया था. चाइल्ड लाइन ने ने किशोरी को बालिका गृह समस्तीपुर भेज दिया था, जहां से उसके माता-पिता के हवाले कर दिया गया.
पूजा को माता-पिता की तलाश
सीतामढ़ी : सीतामढ़ी की छह वर्षीया पूजा कुमारी को माता-पिता की तलाश है. फिलहाल वह विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान, खबड़ा, मुजफ्फरपुर में रह रही है. वह पिता का नाम संतोष राय व माता का नाम सुलेखा देवी बताती हैं.
मामा का नाम मुकेश, दीदी का नाम सुभात्री कुमारी व छोटे भाई का नाम अमित कुमार बताती है. पूजा कहती है कि वह गांव के आंगनबाड़ी केंद्र पर पढ़ती थी.
केंद्र पर पक्का का घर है. मामा के गांव ट्रेन से जाने के क्रम में व भटक गयी. वह माता-पिता, दीदी व छोटे भाई के लिए खास कर रात में रोती है. चाइल्ड लाइन के परामर्शी रंजीत कुमार झा ने बताया कि दो वर्ष पूर्व बिछड़ी यह बच्ची मामा का गांव रसलपुर बताती है.
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