सीतामढ़ी : बंगाल प्रेसिडेंसी से अलग होने के बाद बिहार में कारोबारी माहौल में बदलाव होने लगा. उद्योग धंधा के साथ व्यापारिक तस्वीरें भी बदलने लगी, लेकिन बिहार के बंटवारे के बाद कल-कारखाने व खनिज संपदा का लगभग पूरा हिस्सा झारखंड में चला गया. इसका असर बिहार के व्यापार पर पड़ा. मजदूरों के पलायन और कारोबारी माहौल का पुर्नस्थापित नहीं होना देश स्तर पर व्यवसायिक पिछड़ापन का बड़ा कारण बनता चला गया.
सामाजिक व आर्थिक तौर पर पिछड़े राज्य में कारोबारी माहौल के स्थापना में बड़ा सुधार अब तक नहीं होना भी तरक्की राह में बाधा है. राज्य में नये सिरे से माहौल बनाने व कारोबार पैदा करने के लिए सरकार को छोटे व्यवसायियों के लिए पैकेज बनाना होगा. कारोबारी माहौल बनने के बाद ही अपना राज्य तरक्की की रफ्तार पकड़ेगा. इसको लेकर पर्यटन, व्यवसायप्रद शिक्षा, तकनीक, घरेलू उद्योग जैसी चीजों को विकसित करने का प्रयास होना चाहिए.
बिहार की गौरवशाली अतीत को पुर्नस्थापित करने के लिए सोच के अनुरुप बदलाव जरूरी है. ‘कैसे हो बिहार का विकास’ विषय को लेकर प्रभात खबर कार्यालय में शनिवार को शहर के कारोबारियों व व्यापारियों ने बेवाक राय रखी. कारोबारियों ने विकास में परेशानी व सरकार से अपेक्षित सहयोग समेत स्थानीय मुद्दों पर भी खुलकर चर्चा की.