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लोगों को समय से नहीं मिलता योजनाओं का लाभ

सुरसंड : केंद्र व राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं के तहत पंचायतों व ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को कितनी गति मिल पायी है व किसकी प्राथमिकता होनी चाहिए को लेकर प्रभात खबर की ओर से बघाड़ी पंचायत में आयोजित कार्यक्रम ‘प्रभात खबर आपके द्वारा’ में लोगों ने खुल कर अपनी बातें रखी. […]

सुरसंड : केंद्र व राज्य सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं के तहत पंचायतों व ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को कितनी गति मिल पायी है व किसकी प्राथमिकता होनी चाहिए को लेकर प्रभात खबर की ओर से बघाड़ी पंचायत में आयोजित कार्यक्रम ‘प्रभात खबर आपके द्वारा’ में लोगों ने खुल कर अपनी बातें रखी.

कहा, वर्ष 2017 की सबसे बड़ी उपलब्धि पंचायत का ओडीएफ होना था. डीएम राजीव रौशन से प्रेरित होकर मुखिया पद्मराज भारद्वाज पिंटू के नेतृत्व में पंचायत में 1800 सौ शौचालय का निर्माण कराते हुए प्रखंड में प्रथम स्थान प्राप्त किया था. लिहाजा मुखिया श्री पिंटू ने तृतीय स्वच्छता दिवस पर गत वर्ष दो अक्तूबर को दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में बिहार का नेतृत्व करने का गौरव प्राप्त किया व गत वर्ष नवंबर में आपदा प्रबंधन विभाग, बिहार सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भाग लिये.
वहीं, बीते डेढ़ साल में पंचायत में शिक्षा, स्वास्थ्य व बिजली की व्यवस्था दुरुस्त हुई है. पीएम आवास योजना के तहत 40 लोगों को आवास मिला है. उम्मीद है सात निश्चय के तहत पंचायत का सर्वांगीण विकास संभव हो पायेगा. मुखिया जी का मलाल किसानों के खेतों की सिंचाई व्यवस्था की है.
उनका मानना है कि स्टेट ट्यूबेल के जरिये किसानों के खेतों में पानी पहुंचाने के लिए वे संकल्पित हैं. एक बड़ी समस्या श्मशान की है. इसके जमीन को एक व्यक्ति द्वारा जबरन कब्ज़ा कर लिया है, जिसके चलते आम लोगों को शव दाह में परेशानी हो रही है. सीओ को आवेदन दिया जा चुका है, पर अब तक कार्रवाई सिफर है. इसके साथ ही ग्रामीणों ने जो कहा उसका कुछ अंश इस प्रकार है.
पंचायत की स्थिति
पंचायत में गांवों की संख्या- 4
गांव का नाम – बघाड़ी, धनाड़ी, कोआड़ी व बारा
जनसंख्या- 10 हजार 576
वोटरों की संख्या-6 हजार 371
स्कूल-मध्य विद्यालय-4, प्राथमिक विद्यालय-4
अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र-1
व स्वास्थ्य उपकेंद्र-2
मंदिर- 4, मस्जिद-2
पोखर- 11
पुस्तकालय-एक (ध्वस्त)
पद्मराज भारद्वाज पिंटू, मुखिया : यथा संभव विभिन्न क्षेत्रों में विकास कार्य को गति मिली है, पर कुछ समस्याएं बरकरार है. उन समस्याओं के लिए वे लगातार प्रयासरत हैं. उम्मीद है धीरे-धीरे सभी समस्याओं का समाधान करा लिया जायेगा. पंचायत भवन है, पर इसके भूमिदाता कौन है व उसका खाता, खेसरा व रकबा क्या है, यह जानकारी किसी को नहीं है.
बिलट ठाकुर, ग्रामीण : वर्तमान मुखिया के कार्य काल में पंचायत का तीनों स्वास्थ्य केंद्र समय पर खुलता है. चिकित्सक नियमित बैठते हैं. लोगों को जरूरत के अनुरूप दवाएं भी मिलती है.
सिकंदर ठाकुर, ग्रामीण : बघाड़ी गांव में एक बहुत ही पुराना पुस्तकालय है, जिसका भवन बिल्कुल जर्जर हालत में है. पुस्तकालय के जीर्णोद्धार की जरूरत है. उनका मानना है कि पुस्तकालय के जीर्णोद्धार से यहां के युवकों में शिक्षा के प्रति स्वयं जागरूकता आ जायेगी.
विमलेश कुमार नुनू, ग्रामीण : बघाड़ी प्रखंड का घोषित पंचायत है. कुल 1800 सौ नये शौचालय का निर्माण, पर अब तक लाभुकों को अनुदान की राशि नहीं मिल पायी है. इसको लेकर लोगों में आक्रोश व्याप्त है. साथ ही बाढ़ प्रभावित क्षेत्र होने के बावजूद न तो बाढ़ पीड़ितों के खाते में अब तक राशि भेजी गयी है व न ही किसानों को फसल क्षति का लाभ मिल सका है.
हरि मुखिया, वार्ड सदस्य-13 : पूरे प्रखंड में विभिन्न योजनाओं के पेंशन का बुरा हाल है. कई माह से इस पंचायत के पेंशनधारी प्रखंड कार्यालय का चक्कर काट-काट कर परेशान हो लौट जा रहे हैं. प्रखंडकर्मी व प्रतिनिधियों को कोस रहे पंचायत के सभी पेंशनभोगी अब प्रखंड कार्यालय पर प्रदर्शन करने के मूड में हैं.
देवनारायण साह, वार्ड सदस्य-11 : वर्ष 1972 से अब तक लगातार पंचायत का प्रतिनिधित्व कर रहे 82 वर्षीय सरपंच रमेश ठाकुर कहते हैं कि पंचायत में कचहरी भवन नहीं है. सरकार द्वारा अब तक कोई संसाधन उपलब्ध नहीं कराया गया है. सरजमीं पर बैठकर कार्यों का निष्पादन करना पड़ता है. सरकार के द्वारा प्रतिनिधियों के लिए किये गये निर्धारित मानदेय भी नहीं मिल रहा है. मुखिया के द्वारा कराया गया विकास कार्य सराहनीय है.
रमेश ठाकुर, सरपंच : सात निश्चय के तहत हर घर नल का जल व हर गली पक्की नाली योजना का मुखिया के खाते में 64 लाख रुपये है. कार्य प्रारंभ कर दिया गया है. 26 जनवरी तक कार्य पूर्ण हो जाने की संभावना है. मनरेगा कार्यालय के असहयोगात्मक रवैये के चलते पंचायत के विकास में कठिनाई हो रही है. अब तक जो राशि पंचायत को मिली है उससे जहां तक संभव हो सका है विकास किया गया है.
गजेंद्र राउत, ग्रामीण : पंचायत की सभी स्कूल समयानुसार खुलता है. शिक्षक समय से स्कूल आते हैं. कुछ स्कूलों में शिक्षकों की कमी के चलते छात्रों के पठन-पाठन में परेशानी हो रही है.

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