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ओपीडी में समय पर नहीं पहुंचते हैं डॉक्टर

अनदेखी. सदर अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली का नहीं हो रहा अंत सोमवार की सुबह की स्थिति पर अगर नजर डाले तब 10 नंबर चिल्ड्रेन ओपीडी बंद था. डॉक्टर के इंतजार में दर्जनों मरीज बैठे थे. 11 बजे जेनरल ओपीडी में दो चिकित्सक मरीजों का इलाज कर रहे थे. 12 नंबर महिला ओपीडी में […]

अनदेखी. सदर अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली का नहीं हो रहा अंत

सोमवार की सुबह की स्थिति पर अगर नजर डाले तब 10 नंबर चिल्ड्रेन ओपीडी बंद था. डॉक्टर के इंतजार में दर्जनों मरीज बैठे थे. 11 बजे जेनरल ओपीडी में दो चिकित्सक मरीजों का इलाज कर रहे थे. 12 नंबर महिला ओपीडी में भी डॉक्टर मौजूद नहीं थे.
शेखपुरा : जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली का अंदाजा महज इसी से लगा सकते हैं कि सदर अस्पताल में नौ बजे भी ओपीडी के लिए डॉक्टर नहीं पहुंचते है. डॉक्टर के लिए मरीज कतार में घंटों खी रहने को विवश है. सोमवार की सुबह की स्थिति पर अगर नजर डाले तब 10 नंबर चिल्ड्रेन ओपीडी बंद था. डॉक्टर के इंतजार में दर्जनों मरीज बैठे थे. 11 बजे जेनरल ओपीडी में दो चिकित्सक मरीजों का इलाज कर रहे थे.
12 नंबर महिला ओपीडी में भी डॉक्टर मौजूद नहीं थे. महिला डॉक्टर से इलाज करवाने के लिए कई प्रसूता 24 घंटे से इंतजार कर रहे थे, लेकिन ओपीडी की सुबह भी लेडी डॉक्टर से लंबे समय के इंतजार के बाद भी मुलाकात नहीं हुआ. इसके बाद 13 नंबर में दांत उपचार वार्ड में भी आधे घंटे विलंब से पहुंचे, जबकि 14 नंबर के नेत्र वार्ड में भी डॉक्टर मोजूद थे. स्वास्थ्य व्यवस्था में जिले का हर्ट कहे जाने वाले सदर अस्पताल की यह व्यवस्था आज मरीजों को निराश कर रही है.
रविवार की सुबह दस बजे ही गर्वती महिला को लेकर आयी. दर्द समाप्त हो जाने के बाद महिला चिकित्सक से दिखाने के लिए परेशान है. लेकिन सोमवार की सुबह नौ बजे तक ओपीडी में कोई महिला चिकित्सक नहीं मिल सकी.
काजल कुमारी, ग्रामडीहा
बच्चे के पूरे बदन में दाना हो गया है. काफी बेचैनी है, जेनरल ओपीडी में डॉक्टर ने बच्चा वार्ड में जाने को कहा है. आधे घंटे से डॉक्टर के इंतजार में है. बच्चा परेशान कर रहा है, लेकिन बच्चा का डॉक्टर नहीं आने से ओपीडी में इलाज शुरू नहीं हो सका है.
कांति देवी, चडि़हारी
रविवार को ही सदर अस्पताल पहुंची. बाढ़ के कारण वापस गांव नहीं लौट सकी, सोमवार को सुबह नौ बजे तक भी ओपीडी में महिला चिकित्सक नहीं पहुंच सकी है. इलाज के लिए चक्कर में अब भोजन के भी लाले पड़ गयी है.
अनीता देवी, पानापुर
महिला चिकित्सक से इलाज कराने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है. इसके बाद भी ओपीडी में आने की कोई गारंटी नहीं है. इस व्यवस्था से महिलाओं को चिकित्सा के नाम पर इंतजार एक यातना से कम नहीं है.
आरती देवी, कोयंदा
मनमानी पर लगे रोक
सदर अस्पताल में डॉक्टरों अथवा कोई भी कर्मी उनके आने जाने और अन्य गतिविधि पर तीसरी आंख की पैनी नजर हैं, लेकिन अधिकारी जांच का ढकोसला कर रही है. अगर कार्रवाई की इच्छा शक्ति है, तब सीसीटीवी कैमरे को खंगाले और उसे सार्वजनिक करें. ताकि मनमानी करने वाले में खौफ हो और पूरे मामले साफ हो जाये.
नवल पासवान, भाजपा नेता
क्या कहते हैं अधिकारी
ओपीडी में लेट लतीफी बरदाश्त नहीं होगी. डॉक्टरों की कमी से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसकी जांच कर कठोर कार्रवाई की जायेगी.
डॉ मृगेंद्र प्रसाद सिंह

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