पुलिस ने आरोपितों के मोबाइल को सर्विलांस पर रखा था
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मूर्ति चोरी में पांच गिरफ्तार
पुलिस ने आरोपितों के मोबाइल को सर्विलांस पर रखा था शेखपुरा : जिले के मेहुस थाना अंतर्गत माफो गांव के ठाकुरबाड़ी से हुई मूर्ति चोरी के मामले में खरीदारों के साथ सौदा नहीं पट सका. पुलिस की कड़ी नजर में आने के बाद धराये. इस मूर्ति के चोर राम-लक्ष्मण व सीता की प्राचीन मूर्ति की […]
शेखपुरा : जिले के मेहुस थाना अंतर्गत माफो गांव के ठाकुरबाड़ी से हुई मूर्ति चोरी के मामले में खरीदारों के साथ सौदा नहीं पट सका. पुलिस की कड़ी नजर में आने के बाद धराये. इस मूर्ति के चोर राम-लक्ष्मण व सीता की प्राचीन मूर्ति की कीमत 05 लाख रुपया मांग रहा था, जबकि खरीदार दो लाख रुपया तक देने को तैयार था. इस मामले में अंतर जिला मूर्ति चोर गिरोह के हाथ बतायी जाती है. पुलिस ने फिलहाल पांच लोगों को गिरफ्तार कर िलया है. शेष की गिरफ्तारी में अभी लगी हुई है. पुलिस को अभी चोरी की गयी मूर्ति बरामद करनी है. इस पूरे कांड में शेखपुरा के अलावा पटना और नालंदा के मूर्ति चाेर पुलिस के हत्थे चढ़ा है. एसडीपीओ अमित शरण ने बताया कि 11 अगस्त की रात में बदमाशों ने माफो से मूर्ति चोरी कर ली थी.
शंका के आधार पर इस मामले में शुरू किये गये कार्रवाई में जिले के करंडे थाना अंतर्गत महेशपुर गांव के रामबालक सिंह, सनैया के नौशाद खान, बरबीघा के रामपुर सिंडाय के रोहित कुमार के अलावा पटना के सकसोहरा के राहुल कुमार तथा नालंदा के डुमरावां के दिनेश कुमार को गिरफ्तार किया था. इस मामले में मुख्य आरोपी नालंदा जिला के डुमरावां के सुबोध रविदास तथा सोनू रविदास, महेशपुर के अशोक सिंह तथा चोरी गयी मूर्ति पुलिस पहुंच से बाहर है. पुलिस शीघ्र ही सबों को गिरफ्तार कर चोरी गयी मूर्ति भी बरामद कर लेने का दावा किया है.
मेहुस थानाध्यक्ष किशोर कुमार द्वारा बाद में इन पांचों को न्यायिक दंडाधिकारी जिगर शाह के न्यायालय में प्रस्तुत किया है. सभी पकड़ाये लोगों ने इस मामले में कहीं न कही अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है. किसी ने मूर्ति चोरी तो किसी ने खरीदारी करने तो किसी ने इस काम में रेकी करने की बात पुलिस के समक्ष स्वीकार कर ली है.
सात थाने की पुलिस लगी थी पीछे :
माफो से मूर्ति चोरी के मामले में उद्भेदन करने को लेकर जिले के सात थाना के पुलिस को लगाया गया था. इसके अलावा पटना जिले के बाढ़, बेलछी, घोसवरी थाना, नालंदा जिले के सारे, अस्थावां, बिंद थाना आदि के पुलिस की मदद ली जा रही थी. जिला पुलिस मुख्यालय से सभी आरोपित के मोबाइल को सर्विलांस पर रखा गया था.
एसडीपीओ अमित शरण इस पूरे मामले का नेतृत्व कर रहे थे. इस मामले में पुलिस ने सबसे पहले करंडे थाना क्षेत्र के महेशपुरा गांव के रामबालक सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ की तथा उसके बाद उसके मोबाइल पर आने-जाने वाले कॉलों पर नजर रखना शुरू किया. आपराधिक मामलों, खास कर मूर्ति चोरी के मामले में महारथ हासिल रामबालक दोनों आंख से अंधा है. मूर्ति चोरी में ही कई साल पूर्व हलसी क्षेत्र के ग्रामीणों ने इसकी दोनों आंखें निकाल ली थी. रामबालक के चाचा अशोक सिंह को भी इस कांड का मुख्य सूत्रधार माना जा रहा है.
अशोक को मूर्ति की अच्छी परख थी तथा उसके नाम कफई केस पहले भी दर्ज है. इस मामले में पुलिस कार्रवाई होते देख वह क्षेत्र छोड़ कर भाग खड़ा हुआ है. इस चोरी में मंदिर में प्रवेश करने वाला नालंदा जिले के डुमरावां का सोनू रविदास और सुबोध रविदास है तथा अन्य इसकी रक्षा में लगे हुए थे. सभी ने आधी रात में मूर्ति चोरी कर ली थी. उसके बाद इस मूर्ति को बेचने की तैयारी शुरू कर दी थी, परंतु सौदा नहीं रहने के कारण मूर्ति नहीं बिक सकी. पुलिस को विश्वास है कि अपराध के सारे तरीके को पुलिस ने कलमबद्ध कर लिया है.
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