प्रथम फेज में चेवाड़ा प्रखंड नवंबर माह तक हो खुले में शौचमुक्त प्रखंड
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खुले में शौचमुक्त गांव को अनुदान
प्रथम फेज में चेवाड़ा प्रखंड नवंबर माह तक हो खुले में शौचमुक्त प्रखंड गांवों में कैंप लगा कर जागरूकता के साथ जमा लिये जा रहे आवेदन शेखपुरा : खुला शौच मुक्त समाज को साकार करने की दिशा में अब अनुदान का लाभ लाभुकों तक पहुंचाने में नयी नीतियों के साथ काम करना शुरू कर दिया […]
गांवों में कैंप लगा कर जागरूकता के साथ जमा लिये जा रहे आवेदन
शेखपुरा : खुला शौच मुक्त समाज को साकार करने की दिशा में अब अनुदान का लाभ लाभुकों तक पहुंचाने में नयी नीतियों के साथ काम करना शुरू कर दिया गया है. इस अभियान को पीएचइडी से अलग कर डीआरडीए के अधीन कर दिया गया है. यहां अब किसी भी गांव अथवा वार्ड एवं पंचायत में किसी अकेले लाभुक को लाभान्वित किया जा सकेगा.
जबकि समूचे गांव वार्ड अथवा पंचायत को खुला शौच मुक्त घोषित करने के बाद सामूहिक तौर पर एक साथ सभी लाभुकों के खाते में अनुदान का 12 हजार रुपये खाते में हस्तांतरित किया जायेगा. इस अभियान को लेकर स्वच्छता की सारी मशीनरी एक प्रखंड में पंचायतवार केंद्रित कर खुला शौच मुक्त प्रखंड को साकार किया जायेगा. इस नये नीति को लेकर अग प्रखंड स्तर पर कैंप का आयोजन कर जागरूकता के साथ आवेदन जमा कराये जा रहे हैं.
चेवाड़ा प्रखंड का हुआ चयन :
नयी नीतियों के साथ चेवाड़ा के कुल सात में से छह पंचायतों का चयन किया गया है. चेवाड़ा पंचायत को पहले ही खुले में शौच मुक्त पंचायत घोषित कर दिया गया है. इस के बाद अब प्रखंड के चकंदरा पंचायत में 1595, छठियारा में 1553, एकरामा में 1932, लहना में 1731, लोहान में 1563 एवं सियानी में 2043 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस नयी नीति के तहत भी लाभुक के खाते में 12 हजार रुपये का अनुदान दिया जायेगा.
2012 के बेस लाइन सर्वे के आधार पर ही लाभुकों का चयन किया जा रहा है.
जीविका की कार्यकर्ताओं की भूमिका अहम : जिले में नई नीतियों से खुला शौच मुक्त समाज की कल्पना को साकार करने की दिशा में जीविका के जमीनी कार्यकर्ताओं की भूमिका अहम की ग् गयी है.
इस योजा के तहत वार्ड अथवा पंचायत स्तर पर जीविका के जमीनी कार्यकर्ता जो बेस लाइन सर्वे में शामिल है वे अपना शौचालय बनायेंगे. इसके साथ ही गांव में शौचालय विहीन परिवार को भी खुले में शौच से मुक्ति दिला कर शौचाय निर्माण की प्रेरणा बनेंगे. इसके साथ ही इस अभियान को मुहिम में तब्दील करने के लिए जिले के छह प्रखंड समन्वयकों को चेवाड़ा के लक्षित एक-एक पंचायतों की जिम्मेवारी दी गयी है. 90 दिनों के लंबे कार्यकाल में पूरे चेवाड़ा प्रखंड को खुले में शौच मुक्त प्रखंड घोषित कराने के लक्ष्य को पूरा कर लिया जायेगा.
पूर्व में लाभ पाने वाले होंगे वंचित :स्वच्छता अभियान के तहत घरों में शौचालय निर्माण के लिए वैसे लाभुकों को अब किसी हाल में लाभ नहीं मिल सकेगा जो पहले से भी एनजीओ अथवा ग्राम पंचायत के माध्यम से शौचालय अनुदान का लाभ ले चुके हैं.
सरकार के इस योजना के तहत नये लाभुक शौचालय निर्माण के बाद अनुदान के लिए आवेदन सीधे प्रखंड मुख्यालय अथवा पंचायत मुख्यालय कार्यालय में जमा करायेंगे. जिले में स्वच्छता अभियान के तहत शौच मुक्त समाज के निर्माण को लेकर प्रशासनिक कार्रवाई के साथ-साथ सामाजिक भागीदारी का यह सामूहिक फॉर्मूला सरजमीन पर उतरने लगा है. इसके तहत लहना, छठियारा एवं लोहान पंचायत में शिविर का आयोजन किया गया.
दरअसल विशेष फॉमूले में गांव का कोई भी परिवार एकला चलो की नीति से शौचालय निर्माण में अनुदान का लाभ नहीं पा सकेते. शौचालय का निर्माण करने वाले परिवार को अपने गांव और पड़ोस के वंचित परिवार को खुले शौच से मुक्ति के लिए प्रेरित करना होगा.
इस अभियान में अब सामाजिक भागीदारी को अहम बनाने के लिए जीविका के जमीनी कार्यकर्ताओं की मदद ली जा रही है.
क्या कहते हैं अधिकारी :
स्वच्छता भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण में वार्ड एवं पंचायत स्तर पर सामूहिक लाभ दिये जाने का प्रावधान की नई नीति बनायी गयी है. इसमें वार्ड अथवा पंचायत जब सार्वजनिक रूप से खुला शौच मुक्त नहंी होगा. किसी व्यक्ति विशेष को लाभ नहीं मिल सकेगा.
निरंजन कुमार झा, डीडीसी, शेखपुरा
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