शेखपुरा : डॉक्टरों की राज्यव्यापी हड़ताल के कारण यहां स्वास्थ्य सेवाएं लगभग ठप हो गयी. एक दिवसीय हड़ताल में डॉक्टर केवल सरकारी अस्पताल में आपातकालीन सेवा में लगे रहे. डॉक्टर इसे मानवीयता के आधार पर दी जाने वाली सेवा बताया. राज्य में डॉक्टरों पर हो रहे लगातार हमले के विरोध में डॉक्टर शनिवार को एक दिन के लिए सरकारी अस्पताल के साथ-साथ निजी क्लिनिकों में भी सेवाएं देने से दूर रहे.
भाषा के जिला सचिव डॉ. अशोक कुमार सिंह ने बताया कि इस हड़ताल के बारे में प्रदेश इकाई द्वारा सरकार को पहले ही सूचित कर दिया गया था तथा यहां स्थानीय स्तर पर भी जिला प्रशासन को इस एक दिवसीय हड़ताल के बारे में सूचित कर दिया गया था. इसके पूर्व डॉक्टरों ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में हो रहे हमले को लेकर काला बिल्ला लगाने आदि का भी काम किया था. इस बीच डॉक्टरों के हड़ताल के कारण मरीजों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ा.
यहां सदर अस्पताल में ओपीडी पूरी तरह सूना रहा. हालांकि ओपीडी खुलने के समय मरीजों का आना शुरू हो गया था, परंतु बहुत देर तक डॉक्टर सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी के नहीं आने के बाद उन्हें बिना इलाज के ही वापस जाना पड़ा. सरकारी अस्पताल के डॉक्टर निजी प्रैक्टिस से भी दूर रहे. सरकारी अस्पताल में इलाज की परची नहीं कटने पर निजी अस्पतालों का रूख लिया. लेकिन वहां भी सेवा प्रदान करने वाले चिकित्सक मौजूद नहीं थी. भाषा द्वारा डॉक्टरों के इस आंदोलन को काफी सफल बताया तथा इसमें शामिल.