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चंदे से मरम्मत चापाकल पर विभाग कमा रहा नाम

शेखपुरा : जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में पीएचइडी विभाग ने 350 चापाकलों में एराइज पाइप बढ़ा कर जलापूर्ति व्यवस्था को सुदृढ़ करने का दावा किया है. विभाग ने हजरतपुर मडरो पंचायत में 45 चापाकल मरम्मत कराने का दावा किया है. लेकिन, इन दावों को हजरतपुर मडरो पंचायत के लोग कागजी बता रहे हैं. यहां चापाकल […]

शेखपुरा : जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में पीएचइडी विभाग ने 350 चापाकलों में एराइज पाइप बढ़ा कर जलापूर्ति व्यवस्था को सुदृढ़ करने का दावा किया है. विभाग ने हजरतपुर मडरो पंचायत में 45 चापाकल मरम्मत कराने का दावा किया है. लेकिन, इन दावों को हजरतपुर मडरो पंचायत के लोग कागजी बता रहे हैं. यहां चापाकल मरम्मत की आड़ में बड़ी गड़बड़ी की आशंका ग्रामीण जाहिर कर रहे हैं. पंचायत के गांव में जल संकट विकराल रूप धारण कर चुका है. कोई बाहरी व्यक्ति अगर गांव में चापाकल की चर्चा शुरू करे, तब वहां लोग खराब चापाकलों की लिस्ट लिखाने को एकत्रित हो जाते हैं.

यहां मरम्मत किये गये अधिकांश चापाकल खराब रहने के कारण लोग नल का जल के निर्माणाधीन नलकूपों से अथवा सिंचाई के दौरान खेत-बाधारों से पानी की जरूरतें पूरी कर रहे हैं. स्थिति यह है कि जिन सरकारी चापाकल में सबमर्सिबल लगा है, उससे तो लोगों को पानी मिल पा रहा है, लेकिन बिना सबमर्सिबल वाले सरकारी चापाकल महीनों से बंद पड़े हैं.
ऐसी परिस्थिति में समृद्ध परिवारों को तो पानी आसानी से मिल पा रहा है. लेकिन, गरीब पिछड़े और महादलित परिवारों को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है. पंचायत में इस भयावह स्थिति को लेकर लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है. बड़ी बात यह है कि जिन चापाकलों की मरम्मत के लिए पीएचइडी विभाग दावा कर रहा है, वहां स्थानीय लोग चंदे के पैसे से चापाकल की मरम्मत कराने का दावा कर रहे हैं.
रौंदी में मरम्मत किया गया इकलौता चापाकल भी बंद : पंचायत के रौंदी गांव में पीएचइडी विभाग ने महज एक चापाकल की मरम्मत का दावा किया है. यह चापाकल गांव के स्थानीय निवासी रघुनंदन पासवान के घर के बाहर लगा है. लेकिन, उक्त चापाकल को लेकर रघुनंदन पासवान ने बताया कि पिछले कई माह से बंद पड़ा है. विभाग ने राइजर का काम तो किया था, लेकिन चापाकल चालू नहीं हो सका और इसकी खानापूर्ति की गयी.
उसरी पर तीन में दो चालू, वह भी बदहाल : पंचायत के करकी गांव का टोला उसरी पर तीन चापाकलों की मरम्मत की गयी है. यहां विषहरी स्थान में मरम्मत कराये गये चापाकल पूरी तरह से बंद हैं.
जबकि, भादो मांझी और चमरू मांझी के घर के बाहर मरम्मत कराये गये चापाकल की स्थिति ठीक नहीं है. ग्रामीणों ने बताया कि दोनों चापाकलों से पानी की जरूरत पूरी नहीं हो पा रही है. ऐसी परिस्थिति में महादलित टोले के लोग करकी पहाड़ी किनारे मवेशियों के लिए बनाये गये नाद और बोरवेल से पानी की जरूरतों को पूरा कर रहे हैं.

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