शेखपुरा : जिले के सदर प्रखंड अंतर्गत देवले गांव के पांडेय जागीर खंधा में पिछले सात -आठ माह से बालू का अवैध उत्खनन थमने का नाम नहीं ले रहा है. अवैध बालू के उत्खनन में आये दिन वर्चस्व को लेकर तनाव की स्थिति भी बनी रहती है. इस कारोबार से जुड़े बालू माफियाओं की दबंगई […]
शेखपुरा : जिले के सदर प्रखंड अंतर्गत देवले गांव के पांडेय जागीर खंधा में पिछले सात -आठ माह से बालू का अवैध उत्खनन थमने का नाम नहीं ले रहा है. अवैध बालू के उत्खनन में आये दिन वर्चस्व को लेकर तनाव की स्थिति भी बनी रहती है. इस कारोबार से जुड़े बालू माफियाओं की दबंगई से स्थानीय किसानों को भी भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल देवले गांव के पश्चिम छोर से होकर गुजरने वाले कलयुगवा नदी से यह बालू निकासी का कारोबार जारी है.
बालू के अवैध कारोबार में सामान्य तौर पर प्रतिदिन 15 से 20 ट्रैक्टर बालू का उठाव कर माफियाओं के द्वारा प्रतिदिन लाखों रुपये की कमाई की जा रही है. इन माफियाओं के द्वारा शेखपुरा के साथ-साथ नालंदा, पटना, नवादा एवं जमुई के सीमावर्ती इलाकों में बालू की आपूर्ति की जाती है. अवैध बालू के इस कारोबार में ग्रामीणों की माने तो अब तक एक बार भी बड़ी कार्रवाई नहीं हो पाना सीमावर्ती पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध बतायी जा रही है.
हालांकि तीन दिन पूर्व परिवहन विभाग के वाहन जांच के दौरान बालू से लदा ट्रैक्टर को जब्त कर पुलिस ने कार्रवाई की थी. बालू के अवैध उत्खनन के कारोबार में ज्यादातर शेखपुरा-शाहपुर, शेखपुरा- शेखोपुरसराय, बरबीघा वारसलीगंज सड़क मार्ग के रास्ते अपने काले कारनामों को अंजाम दे रहे हैं. प्रतिदिन लाखों रुपये के इस काले कारोबार में किसानों के रैयती जमीन से भी बालू की खुदाई कर फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया गया है. जिसके कारण स्थानीय कृषकों में भी भारी आक्रोश है.बालू माफियाओं के द्वारा किये जा रहे हैं, अवैध कारोबार में जहां स्थानीय पुलिस को भनक तक नहीं होने की बात सामने आयी है. वहीं दूसरी और जिला स्तर पर भी अधिकारियों की कार्रवाई से बचने के लिए माफिया बड़े ही बारीकी से सभी दिशाओं में अपनी निगाहें बनाये रखते हैं.
स्थानीय कृषको की मानें तो बालू के अवैध उत्खनन में जुटे माफियाओं के द्वारा मोबाइल से लैस बाइक सवार युवकों को विभिन्न सड़क मार्ग में तैनात रखा जाता है. इतना ही नहीं प्रशासनिक वाहनों को रास्ते में ही रोकने के लिए जहां-तहां सड़कों को अवरुद्ध करने का भी फार्मूला अपनाते हैं. ताकि सूचना मिलने पर भी अधिकारी विलंब से वहां पहुंचे और इस बीच मौका पाकर अपने ट्रैक्टर को भगाने में बालू माफिया कामयाब हो जाएं. सबसे बड़ी बात यह है कि अवैध बालू लेकर भागने के दौरान माफियाओं के वाहन संचालक बालू लदे ट्रैक्टरों को अनियंत्रित तरीके से भगते है. जिसके कारण आये दिन सड़क दुघर्टना की संभावना बनी रहती है.
सख्त कानून की अनदेखी कर करोड़ों के राजस्व का चूना
राज्य में बालू व पत्थर खनन व्यवस्था को लेकर सरकार जहां सख्ती बरतने की दिशा में नयी कानून और व्यवस्था बहाल कर रही है. वहीं दूसरी ओर जिले के बालू माफिया छोटी-छोटी नदियों एवं खेतों के निचली परत में जमे बालू का अवैध उत्खनन कर विभागीय राजस्व को चूना लगा रहे हैं. जिले में बालू के स्रोतों पर अगर नजर डालें तो अरियरी प्रखंड के महुली, शेखपुरा प्रखंड के औंधे, लोदीपुर एवं बरबीघा प्रखंड के मालदह पंचायत के अलावा अन्य कई क्षेत्र है. जहां बालू का अवैध उत्खनन का कारोबार होता रहा है. जिला प्रशासन के सख्ती के बाद अन्य क्षेत्रों में तो बालू के अवैध उत्खनन पर रोक लगा, लेकिन लोदीपुर पंचायत के देवले बाजार में आज भी खुलेआम यह कारोबार जारी है.
क्या कहते हैं अधिकारी
अवैध बालू उत्खनन से जुड़े शिकायत नहीं मिली थी. मीडिया के माध्यम से दी गयी जानकारी को गंभीरता से लेते हुए सख्त कार्रवाई की जायेगी. विभाग द्वारा निर्धारित मापदंडों के आधार पर ही बालू का कारोबार बहाल रह सकेगा.
रियाजुल हक, खनन निरीक्षक, शेखपुरा