सासाराम. रोहतासगढ़ पंचायत का प्राथमिक विद्यालय कछुअर, जहां सिर्फ झंडोत्तोलन के लिए पिछले करीब 11 वर्ष से चार शिक्षक वेतन उठा रहे हैं. ये शिक्षक वर्ष में दो बार या फिर यूं कह सकते हैं कि किसी राष्ट्रीय दिवस पर मजबूरी में ही स्कूल जाते हैं. ऐसे में इस बार 15 अगस्त को झंडोत्तोलन के लिए सभी शिक्षक जुटे थे. अब शायद ये सभी शिक्षक 26 जनवरी को हो ही स्कूल जायेंगे. शिक्षकों के स्कूल नहीं जाने को लेकर वर्षों से जनप्रतिनिधि व अभिभावक शिक्षा विभाग के अधिकारियों अवगत कराते रहे हैं. पर, इस बार मामला कुछ ज्यादा तूल पकड़ा, तो प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी निरीक्षण करने पहुंच गये. स्कूल नहीं जाने पर उन्होंने शिक्षकों का एक दिन का वेतन काटते हुए उनसे शो कॉज किया. शो कॉज का जवाब चारों शिक्षकों ने संयुक्त रूप से दिया, तो इसका खुलासा हुआ कि प्रतिदिन स्कूल जाने के लिए शिक्षकों ने विभाग के सामने शर्त रखी है. शिक्षकों ने विभाग के सामने रखी है शर्त कैमूर पहाड़ी पर अवस्थित प्राथमिक विद्यालय कछुअर, जहां दो शिक्षिका और दो शिक्षक पदस्थापित हैं. चारों शिक्षकों में एक प्रधानाध्यापक महेंद्र प्रसाद, दो महिला शिक्षिका जीनत परवीन व निशा कमल और एक सहायक शिक्षक विमलेश कुमार सिंह है. चारों शिक्षकों ने प्रतिदिन स्कूल जाने के लिए विभाग के सामने स्कूल में पानी, शौचालय, बिजली, नेटवर्क, मेडिकल की व्यवस्था करने के साथ स्कूल की घेराबंदी कराने की शर्त रखी है. अपने शो कॉज के जवाब में शिक्षकों ने कहा है कि स्कूल जाने के लिए जंगल का रास्ता तय करना पड़ता है, जिससे जान पर खतरा बना रहता है. बरसात में नदी पार करनी पड़ती है. ऐसे में स्कूल जाना संभव नहीं होता. शिक्षकों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि अगर इन समस्याओं का निराकरण कर दिया जायेगा, तो हम सभी शिक्षक स्कूल का सही ढंग से संचालन करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.
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