बिक्रमगंज. बिक्रमगंज मुख्य बाजार स्थित स्टेशन मस्जिद से हर वर्ष निकलने वाला ताजिया जुलूस इस बार परंपरा से अलग रहा. ऐसा किसी प्रशासनिक रोक के कारण नहीं, बल्कि ताजियादार खलीफा भाई खा के निधन पर शोक प्रकट करते हुए लोगों ने इस बार ताजिया का जुलूस नहीं निकाला. कमेटी सदस्यों ने बताया 87 वर्षीय भाई खा का दो माह पूर्व निधन हो गया था. वे पिछले कई दशकों से इस ताजिया आयोजन के खलीफा के रूप में सक्रिय रहे. उनके सम्मान में इस बार किसी प्रकार का जुलूस नहीं निकाला गया. नव खलीफा के रूप में नियुक्त जदयू नेता मोइनुद्दीन हुसैन ने बताया कि वर्षों तक खलीफा रहे भाई खा का सम्मान और परंपरा के निर्वाह के लिए ताजिया को सांकेतिक रूप से चौक से उठाकर राजीव गांधी मैदान स्थित कर्बला ले जाया गया, जहां विधि-विधान के साथ पहलाम किया गया. इस दौरान क्षेत्र में पूरी तरह शांति और सादगी का माहौल रहा. स्थानीय लोगों ने ताजिया स्थल पर एकत्र होकर दिवंगत खलीफा को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके योगदान को याद किया. बाजार के वरिष्ठ लोगों ने कहा कि भाई खा न सिर्फ धार्मिक आयोजन के नेतृत्वकर्ता थे, बल्कि सामाजिक समरसता और एकता के प्रतीक भी थे. लोगों को ताजिया जुलूस न निकलने की कमी जरूर खली, लेकिन खलीफा भाई खा के प्रति सम्मान और श्रद्धा के कारण सभी ने इसे पूरे सम्मान और शांति के साथ संपन्न किया.
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