प्राथमिकी में बीपीआरओ ने प्रमुख पति पर सरकारी कार्य में बाधा डालने का लगाया आरोप
प्रमुख ने कहा- नहीं हुई थी कोई बात, बीपीआरओ कर रहे मनमानी और नियम का उल्लंघन
सासाराम ग्रामीण. सासाराम प्रखंड के बीपीआरओ ने प्रखंड प्रमुख के पति के विरुद्ध 19 मार्च को सरकारी कार्य में बाधा डालने सहित अन्य आरोप लगा नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है. इसमें सदर प्रखंड प्रमुख पति सन्नी देवल चंद्रवंशी व सासाराम मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बड़का मोर निवासी नेपाली साह के पुत्र धर्मेंद्र गुप्ता पर 19 मार्च को दिन के करीब एक बजे में सरकारी योजना में मनमानी करने, मारपीट, जातिसूचक अभद्र शब्दों का प्रयोग व गाली-गलौज करने का आरोप लगाया है. इसके साथ ही कार्यालय में सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न होने का भी आरोप लगाया है. हालांकि, प्रखंड प्रमुख रूपा कुमारी ने भी बीपीआरओ के विरुद्ध प्राथमिकी के लिए आवेदन दिया है. पर, उनके आवेदन पर अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है. इस संबंध में सासाराम नगर थानाध्यक्ष राजीव रंजन राय ने कहा कि सासाराम बीपीआरओ के द्वारा दिये गये आवेदन के आधार पर प्राथमिकी 225/25 दर्ज कर लिया गया है. इसके साथ ही प्रखंड प्रमुख का आवेदन प्राथमिकी के लिए आया है. अभी प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है. दोनों आवेदनों की जांच की जा रही है. जांच के बाद अग्रेतर कार्रवाई की जायेगी.
मामले की जांच में जुटी पुलिस:इधर, बीपीआरओ एनके वरुण ने बताया कि यह पर्सनल मामला है. मैं इस विषय पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दूंगा. इसका फैसला कोर्ट करेगा. मैं केस से संबंधित कोई बात नहीं कर सकता. सवाल यही से उठता है कि जब सरकारी कार्यालय में कार्य बाधा का आरोप प्रखंड प्रमुख के पति पर लगा है, तो यह निजी मामला कैसे हो सकता है? तभी तो प्रखंड प्रमुख रूपा कुमारी ने कहा कि मेरे पति सन्नी देवल चंद्रवंशी के विरूद्ध दर्ज करायी प्राथमिकी झूठा है. मैंने बीपीआरओ की शिकायत गत 30 दिसंबर 2024 को पंचायती राज मंत्री को पत्र भेज कर किया था. इसके बाद 15 मार्च को भी डीएम को पत्र लिख, बीपीआरओ की करतूतों का खुलासा किया गया है. उनकी कार्यशैली को चिह्नित किया गया है. उसी शिकायत पत्र के बाद से बीपीआरओ भड़के हैं. मेरे पास कई वीडियो साक्ष्य हैं. गत 19 मार्च को किसी प्रकार का कोई वार्तालाप बीपीआरओ से मेरे पति का नहीं हुआ है. लेकिन, अपने बचाव के लिए बीपीआरओ ने मेरे पति पर मुकदमा कर दिया है. इसकी विधिवत जांच होनी चाहिए. इस विषय पर वरीय अधिकारियों को संज्ञान लेना चाहिए.
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