आरपीएफ व नन्हे फरिश्ते अभियान में बाल मजदूरों की मुक्ति के साथ मानव तस्करों की होती रही है गिरफ्तारी
प्रतिनिधि, सासाराम ग्रामीण
सासाराम रेलवे स्टेशन व ट्रेनों में बाल मजदूरों की रेस्क्यू के लिए आरपीएफ व गैर सरकारी संस्था लगातार कार्रवाई कर रही है. बाल मजदूर देश के विभिन्न प्रदेशों में जाते हैं. इसके साथ मानव तस्कर भी पकड़े जाते रहे है. एक जनवरी 2025 से अब तक सासाराम स्टेशन से करीब 61 बाल मजदूरों को मुक्त कराया जा चुका है. साथ ही छह मानव तस्करों की गिरफ्तारियां हो चुकी है. अधिकांश मानव तस्कर गया व शेरघाटी के रहने वाले थे. इससे प्रतीत हो रहा है कि बाल मजदूरों को ट्रेन से ढोया जा रहा है. इसी कड़ी में मंगलवार को सासाराम रेलवे स्टेशन पर ऑपरेशन आहट के तहत आरपीएफ और सुराजे संस्था ने संयुक्त रूप से मानव तस्करी के खिलाफ छापेमारी अभियान चलाया. इस दौरान प्लेटफार्म नंबर दो पर गाड़ी संख्या 12938 अप हावड़ा-गांधीधाम एक्सप्रेस की सामान्य बोगी से मजदूरी के लिए जा रहे छह नाबालिग बच्चों का रेस्क्यू किया गया. सभी छह बच्चों को बाल कल्याण समिति को सुपुर्द किया गया.
रेलवे स्टेशन पर चलाया जाता है जागरूकता अभियान
रेलवे स्टेशन में स्वयं सेवी संस्था सहित अन्य अभियान के तहत बाल विवाह, बाल मजदूरी व बाल तस्करी को लेकर रेल यात्रियों को जागरूक किया जाता है. फिर भी कुछ लोग हैं, जो आज भी बच्चों से काम कराने के लिए बाहर ले जाते हैं. बच्चों को बहला-फुसलाकर एक शहर से दूसरे शहर व एक राज्य से दूसरे राज्यों में ले जाकर उससे काम करवाते हैं या बेच देते हैं. लेकिन, रेलवे के अधिकारियों ने यात्रा के दौरान ऐसे बच्चों व बाल तस्करों की सूचना देने के लिए टोल फ्री नंबर 1098 जारी किया है. जिससे बच्चों को ट्रैफिकर के चंगुल से मुक्त करवा सकते हैं.
आठ माह मे बाल मजदूरों की रेस्क्यू पर एक नजर
माह रेस्क्यू बाल मजदूर
जनवरी 03फरवरी 00
मार्च 11अप्रैल 14
मई 05जून 13
जुलाई 09अगस्त 06
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