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पीएम श्री स्कूल का दर्जा मिलने के बाद छात्र व शिक्षक झेल रहे परेशानी

गौरी शंकर उच्च विद्यालय को 17 फरवरी 2025 को पीएम श्री का दर्जा मिला है. लेकिन, आज यह स्कूल समस्याओं का दंश झेल रहा है.

संझौली. आजादी के 23 साल पहले 1924 में राजाराम मिश्र ने गौरी शंकर मध्य विद्यालय की स्थापना की थी. जबकि, 1951 में गौरी शंकर उच्च विद्यालय व हर गौरी संस्कृत उच्च विद्यालय की स्थापना की थी. आज वर्तमान में अंचल क्षेत्र के गौरी शंकर उच्च माध्यमिक विद्यालय, मध्य विद्यालय व हर गौरी संस्कृत उच्च विद्यालय संझौली एक ही कैंपस में संचालित होता है. कुछ ही दिन पहले गौरी शंकर उच्च विद्यालय को 17 फरवरी 2025 को पीएम श्री का दर्जा मिला है. लेकिन, आज यह स्कूल समस्याओं का दंश झेल रहा है. स्कूल के मुख्य गेट पर बारिश की पानी भर जाने के कारण छात्र छात्राओं व शिक्षकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यह समस्या पिछले एक दशक से चली आ रही है. लेकिन कोई भी जनप्रतिनिधि व अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं. स्कूल के शिक्षक व छात्रों की माने तो, जब जब बारिश होती है, तब तब स्कूल के मुख्य गेट के सामने गंदा पानी भर जाता है. बारिश होने पर बच्चों व शिक्षकों को जूता, चप्पल हाथ में लेकर, आरा-सासाराम मुख्य सड़क से स्कूल कैंपस तक गंदे पानी से होकर आना जाना पड़ता है. अगर इसका निदान नहीं होता है, तो इस परेशानी से मुक्ति मिलना मुश्किल हो जायेगा. स्थानीय शिक्षक व अभिभावक को यह चिंता सता रही है कि प्रखंड क्षेत्र का प्रथम दर्जे का स्कूल होने के बाद भी जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों का ध्यान स्कूल की समस्या पर नहीं जाती है. क्या है पीएम श्री : जिसे प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया भी कहा जाता है, भारत सरकार की एक केंद्र प्रायोजित योजना है. इसका उद्देश्य मौजूदा स्कूलों को मजबूत करना है, ताकि वे राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के अनुसार विकसित हो सकें व अनुकरणीय स्कूल बन सकें. यह योजना मुख्य रूप से निम्नलिखित बातों पर ध्यान केंद्रित करती है. स्कूलों को गुणात्मक रूप से मजबूत करना, इस योजना के तहत स्कूलों को बुनियादी ढांचे, शिक्षण विधियों, पाठ्यक्रम व मूल्यांकन के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में सुधार करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सके. क्या कहते हैं शिक्षक– गौरी शंकर मध्य विद्यालय के प्रधान शिक्षक मनोज कुमार गुप्ता, उच्च विद्यालय के प्रधान शिक्षक सुरेंद्र सिंह व संस्कृत उच्च विद्यालय के प्राचार्य मुनमुन प्रसाद सिंह ने संयुक्त रूप से निराश शब्दों में कहते हैं एक ही कैंपस में चार विद्यालय संचालित होता है. फिर भी स्थिति यह है कि साल के लगभग तीन माह स्कूल के मुख्य गेट के आगे बारिश होने पर नाली का गंदा पानी व कीचड़ भरा रहता है. इस कारण स्कूली बच्चों व शिक्षकों को कीचड़ से होकर गुजारने पड़ता है. उक्त समस्या से निजात के लिए कई बार जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से कहा गया, लेकिन स्थिति यथावत बनी हुई है. …….स्कूल के मुख्य गेट पर गंदे पानी से होकर आने-जाने को विवश छात्र-छात्राएं गौरी शंकर मध्य, उच्च व संस्कृत विद्यालय एक ही कैंपस में संचालित

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