अकबरपुर. रोहतास गांव से रोहतासगढ़ किला तक पहुंच के लिए पिछले पांच वर्षों से करीब 13 करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन रोपवे शुक्रवार को धराशायी हो गया. ट्रायल के दौरान हुई इस घटना की जांच के लिए पुल निर्माण निगम ने प्रबंध निदेशक की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन किया है और उसे 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया गया है. शनिवार को दो वाहनों से कमेटी पहाड़ी पर स्थित रोहतासगढ़ किला पहुंची और जांच के बाद त्वरित गति से पटना लौट गयी. जांच कमेटी के किसी सदस्य ने घटना को लेकर कुछ भी बताने से इनकार कर दिया. स्थिति यह रही कि पुल निर्माण निगम के कार्यपालक अभियंता खुर्शीद अहमद से भी कमेटी के सदस्यों ने कोई बातचीत नहीं की. खुर्शीद अहमद ने बताया कि उन्हें केवल इतनी जानकारी मिली है कि टीम आयी और जांच कर वापस चली गयी. वे लगातार फोन कर रहे हैं, लेकिन कोई जवाब नहीं मिल रहा है. ज्ञातव्य हो कि वर्ष 2020 में कैमूर पहाड़ी के नीचे रोहतास गांव स्थित नर्सरी के समीप से रोपवे एंड रिसोर्स प्राइवेट लिमिटेड, कोलकाता द्वारा रोहतासगढ़ किला से रोहितेश्वर मंदिर तक रोपवे निर्माण कार्य शुरू किया गया था. निर्माण के दौरान लगातार विभिन्न बाधाएं आती रहीं, जिससे परियोजना की अवधि बढ़ती चली गयी. जनवरी 2026 में यात्रियों के लिए रोपवे सुविधा शुरू होने की उम्मीद जगी थी, लेकिन 26 दिसंबर 2025 को पहाड़ी टॉप के पास स्थित एक पिलर टूट जाने से यह सपना टूट गया. हालांकि, इस हादसे में किसी को चोट नहीं आयी, लेकिन लोगों के रोपवे यात्रा के अरमान धराशायी हो गये. इधर, रोहतास नगर पंचायत के मुख्य पार्षद प्रतिनिधि तोराब नियाज़ी, मुखिया नागेंद्र यादव और भीम आर्मी के अमित पासवान सहित अन्य लोगों ने कहा कि यह सरकारी कार्यों में लापरवाही और गलत मंशा का परिणाम है. उन्होंने कहा कि भगवान का शुक्र है कि इस दुर्घटना में किसी को चोट नहीं आयी. सरकार को चाहिए कि पुल निर्माण निगम के इंजीनियरों के साथ-साथ संवेदक कंपनी पर भी कठोर कार्रवाई करे.
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