आंगनबाड़ी सेविकाओं के अपनी छह सूत्री मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल
प्रतिनिधि, संझौली
बुधवार से आंगनबाड़ी सेविकाओं के अपनी छह सूत्री मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने के कारण बच्चे पोषाहार से वंचित हो गये. बुधवार को पूरे दिन प्रखंड कार्यालय के मुख्य गेट पर सेविका हाथों में थाली लिए धरना पर बैठीं रही. आंगनबाड़ी सेविका अध्यक्ष सरोज कुमारी ने बताया कि दो अक्तूबर 1975 को आंगनबाड़ी की स्थापना हुई थी. दो अक्तूबर 2025 को 50 वर्ष पूरे हुए, लेकिन आज भी बार – बार हड़ताल कर सरकार से मांग करने पर सेविका का मानदेय सात हजार रुपये व सहायिका का चार हजार रुपये दिया जाता है. कम मानदेय मिलने के बावजूद भी चार घंटे की जगह 10 घंटे भिन्न – भिन्न तरह का काम सरकार द्वारा लिया जाता है. अगर हमारी मांग पूरा नहीं होती है, तो 12 व 13 अगस्त को पटना में मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदर्शन किया जायेगा. साथ ही धरना के दिन आंगनबाड़ी केंद्र बाद रहेगा. जिसकी लिखित जानकारी कल्याण विभाग व सचिव समाज कल्याण विभाग, मुख्य सचिव पटना, जिलाधिकारी, प्रोग्राम पदाधिकारी, वावि परियोजना पदाधिकारी को दे दी गयी है. सेविकाओं की मुख्य मांग में आंगनबाड़ी सेविकाओं का सरकारीकरण व सभी एनडीए शासित राज्यों की तरह 15 हजार रुपये मानदेय देने, आंगनबाड़ी केंद का बिजली बिल कौन देगा, इसका समाधान करे. नयी 5जी मोबाइल खरीदने के लिए नगद राशि सेविकाओं के बैंक खाते में देने सहित छह मांग शामिल है.
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