फोटो-23- प्रवचन करतीं साध्वी किशोरी कंचन तिवारी. कोचस. नगर पंचायत स्थित ऐतिहासिक सूर्य मंदिर पुष्करणी पोखरा धाम परिसर में आयोजित रुद्र हनुमत प्राणप्रतिष्ठा महायज्ञ के तीसरे दिन शुक्रवार को प्रयागराज से पधारीं साध्वी किशोरी कंचन तिवारी ने श्रोताओं को हनुमान कथा का रसपान कराया. उन्होंने कहा कि हनुमान भगवान सूर्य को अपने मुंह में दबाये आकाश में खेल रहे थे. इस दौरान हनुमान ने ऐरावत पर सवार इंद्र को देखा. उन्होंने समझा कि यह भी कोई खाने लायक सफेद फल है, तो वह उस ओर भी झपट पड़े. यह देख कर देवराज इंद्र क्रोधित हो उठे. अपनी ओर झपटते हुए हनुमान से अपने को बचाते हुए और भगवान सूर्य को छुड़ाने के लिए हनुमान जी की ठुड्डी (हनु) पर वज्र का तेज प्रहार किया. इससे हनुमान जी का मुंह खुल गया और वह बेहोश होकर पृथ्वी पर गिर पड़े. हनुमान जी को अचेतावस्था में देख कर पिता पवनदेव और माता अंजना रोने लगी. इससे पवनदेव क्रोध में आकर वायु का प्रवाह ही बंद कर दिया. अचानक हवा के रुक जाने से तीनों लोकों में हाहाकार मच गया. इसके अभाव में सृष्टि के सभी पक्षी, पशु-प्राणी व्याकुल हो उठे.पेड़-पौधे और फसलें असमय कुम्हलाने लगी. तब इंद्र सहित सभी देवताओं को लेकर ब्रह्मा जी स्वयं पवन देव के पास पहुंचे. उन्होंने अपने हाथों से छूकर हनुमान जी को जीवित करते हुए पवन देव से तुरंत वायु प्रवाह शुरू करने का निवेदन किया. इस दौरान ब्रह्मदेव के कहने पर सभी देवी-देवताओं ने हनुमान जी को वरदान दिया कि आज से इस बालक पर किसी प्रकार के अस्त्र-शस्त्र का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. मौके आयोजक रामजी राणा, मनोज राय, राकेश तिवारी, कमलाकांत, मुन्ना पांडेय सहित अन्य कई उपस्थित थे.
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