बिक्रमगंज/दिनारा. नटवार बाजार के दो डांस ग्रुपों के ठिकाने से छत्तीसगढ़ के 11 जिलों की 40 लड़कियों को पुलिस ने जब बरामद किया, तो शायद पुलिस अफसरों को भी इतनी बड़ी संख्या में लड़कियों के मिलने की उम्मीद नहीं थी. बुधवार की रात में शुरू हुई छापेमारी सुबह तक चली. फिर कई वाहनों से लड़कियों को सासाराम जुवेनाइल कोर्ट लाया गया. वहां संख्या अधिक होने के कारण पुलिस को उनसे पूछताछ करने में काफी समय लग रहा है. तभी तो एसपी रौशन कुमार ने कहा कि संख्या ज्यादा है. जानकारी जुटायी जा रही है.
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ के मारो, बिलासपुर, बेलौंदा, पोरवां, खमीर, रायपुर, सारागांव, मोगली, राजनंदन, दुर्ग व बेंबी तोड़ा जिलों की लड़कियां हैं, जिन्हें उनके परिवार से डांस ग्रुप के संचालक ने करीब 50 हजार रुपये देकर डांस करने के लिए लाया था. पर, यहां माजरा कुछ और ही निकला है. इसका खुलासा पुलिस जल्द करेगी. पुलिस ने हिरासत में लिये पांच लोगों के मोबाइल फोन जब्त किये हैं. उक्त मोबाइल से कई सफेदपोशों के नाम बाहर आ सकते हैं, जो डांस ग्रुप चलाने वालों को फाइनेंस करते हैं.इन डांस कंपनियों से बरामद हुई हैं लड़कियां
पुलिस छापेमारी में नटवार बाजार स्थित कामेश्वर, मंटू, पप्पू, महेंद्र, जितेंद्र, नागा, नाच कंपनी, रामप्रवेश नाच कंपनी, पप्पू नाच कंपनी, कृष्णा नाच कंपनी व जोधा नाच कंपनी के ठिकाने से लड़कियां बरामद हुई हैं.नाच के लिए नामी रहा नटवार बाजार, अब देह व्यापार के लिए हो रहा बदनाम
संतोष चंद्रकांत/उमेश कुमार शर्मा, बिक्रमगंज/ दिनारा. 30 जनवरी 2019 को शबनम नाम की एक महिला को बिक्रमगंज के वार्ड 10 स्थित रेडलाइट एरिया में गोली लगी थी. हालांकि, पुलिस इसे आपसी रंजिश का नाम दिया था, पर गोली देह व्यापार के धंधे में वर्चस्व को लेकर चली थी. ऐसा उस समय लोग मान रहे थे. उस कांड में तीन लोग गिरफ्तार हुए थे. करीब एक वर्ष तक शांति छायी रही. लेकिन, जब सात जनवरी 2020 को पुलिस ने दिनारा थाना क्षेत्र के करंज गांव में छापेमारी कर तीन आदिवासी लड़कियों को बरामद किया, तो नटवार के डांस ग्रुपों का खुलासा होने लगा. उस समय भी बरामद तीनों लड़कियां छत्तीसगढ़ की ही थीं. उस समय लड़कियां करंज गांव के जब्बार खान नामक व्यक्ति के पास से बरामद हुई थीं, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस जांच में यह सामने आया था कि इन लड़कियों को बिक्रमगंज के धनगाई मंडी में 30 हजार रुपये में बेचा जाता था. यहां से इन्हें नाच कंपनियों और अवैध धंधे में झोंक दिया जाता था. जब्बार खान के अलावा इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश के लिए पुलिस ने व्यापक अभियान चलाया था. पर, इसके बाद क्या हुआ? इसका कुछ ज्यादा खुलासा नहीं हो सका.20 जुलाई 2021 में सात लड़कियों को पुलिस ने किया था बरामद
20 जुलाई 2021 को बिक्रमगंज के धनगाई क्षेत्र में पुलिस ने एक बड़े सेक्स रैकेट का पर्दाफाश किया था. जहां सात आदिवासी लड़कियों को पुलिस ने मुक्त कराया था. इन लड़कियों को शादी-विवाह में वेटर का काम दिलाने के नाम पर छत्तीसगढ़ और झारखंड के गढ़वा से लाया गया था. इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी दुर्गा देवी और शाहिल शर्मा को गिरफ्तार किया था, जबकि अन्य छह आरोपियों की तलाश जारी थी. इस कांड में भी बाद में क्या हुआ? इसका खास खुलासा सामने नहीं आ सका.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है