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पटना के कोचिंग संस्थान का शिक्षक निकला फर्जी मजिस्ट्रेट

सिपाही भर्ती परीक्षा में नकल कराने के मामले में चार गिरफ्तार, प्रेसवार्ता में बोली पुलिस, ओएमआर शीट भरी मिलने पर वीक्षक को हुआ संदेह, स्कॉर्पियो से सॉल्वर और चालक भी गिरफ्तार, कोचिंग शिक्षक के पास मिले फर्जी कागजात, पहचान-पत्र भी नकली, महेंद्रू के ‘गोलू’ की भूमिका पर पुलिस कर रही जांच, गिरफ्तार लोगों में तीन जहानाबाद जिले के भी हैं शामिल

सासाराम/ इंद्रपुरी.

केंद्रीय चयन परिषद (सिपाही भर्ती) के अंतर्गत बिहार पुलिस चालक सिपाही चयन परीक्षा के दौरान इंद्रपुरी थाना क्षेत्र के डीएवी कटार परीक्षा केंद्र से बुधवार को पुलिस ने एक फर्जी मजिस्ट्रेट और एक परीक्षार्थी सहित कुल चार लोगों को गिरफ्तार किया है. फर्जी मजिस्ट्रेट और उसके दो सहयोगियों पर एक परीक्षार्थी को कदाचार कराने का आरोप है. पुलिस ने इनके पास से एक स्कॉर्पियो, चार मोबाइल, एक कैलकुलेटर और कई फर्जी कागजात बरामद किये हैं. फर्जी मजिस्ट्रेट पटना महेंद्रू स्थित एक कोचिंग सेंटर का शिक्षक अशोक कुमार सिंह बताया जाता है, जबकि परीक्षार्थी और उसके दो सहयोगी जहानाबाद जिले के निवासी हैं. पुलिस का मानना है कि इस फर्जीवाड़े में और भी लोगों की संलिप्तता की आशंका है. मामले की कई कोणों से जांच चल रही है. उन्होंने कहा कि गिरफ्तार कोचिंग शिक्षक अशोक ने अब तक यह स्वीकार नहीं किया है कि उसने इससे पहले भी किसी परीक्षा में कदाचार कराया है. उसने बताया कि महेंद्रू के ‘गोलू’ नामक व्यक्ति ने उससे इस कार्य के लिए संपर्क किया था और उसी ने परीक्षार्थी विकास कुमार से उसकी बात करायी थी. कुछ पैसों का लेन-देन भी हुआ है, लेकिन इसका खुलासा अभी नहीं हो सका है. पुलिस अब महेंद्रू के गोलू की भूमिका की जांच कर रही है.

परीक्षा के एक दिन पहले ही पहुंच गाया था अशोकइंद्रपुरी थाने में गुरुवार को आयोजित प्रेसवार्ता में एएसपी सह एसडीपीओ डेहरी-वन अतुलेश झा ने बताया कि परीक्षा के एक दिन पहले मंगलवार को पटना के महेंद्रू के कोचिंग सेंटर का शिक्षक अशोक कुमार सिंह जिला प्रशासन रोहतास के गोपनीय कार्यालय के नाम से एक पत्र लेकर डीएवी कटार सेंटर पहुंचा था. वह खुद को औचक निरीक्षण के लिए नियुक्त मजिस्ट्रेट बता रहा था. अगले दिन वह सुबह आठ से नौ बजे के बीच परीक्षा केंद्र पहुंचा. परीक्षा शुरू होने के बाद उसने एक चिह्नित परीक्षार्थी, जहानाबाद जिले के घोसी थाना क्षेत्र के श्रीपुर गांव निवासी रामनरेश सिंह के पुत्र विकास कुमार को यह कहते हुए अपने साथ ले गया कि उसकी जांच करनी है. करीब आधे घंटे बाद वह परीक्षार्थी के साथ लौटा. परीक्षार्थी का ओएमआर शीट भरा हुआ देखकर वीक्षक को संदेह हुआ और मामला खुल गया. सूचना पर एएसपी और एसडीएम डेहरी मौके पर पहुंचे और तत्काल फर्जी मजिस्ट्रेट अशोक कुमार सिंह को गिरफ्तार कर लिया. उसके आइकार्ड और पत्र की जांच की गयी, जो फर्जी पाये गये. कार्रवाई के दौरान केंद्र के बाहर खड़ी स्कॉर्पियो से दो अन्य व्यक्तियों को भी पकड़ा गया. इनमें प्रश्न हल करने वाला काको थाना क्षेत्र के सुलेमानपुर गांव निवासी सौखिन यादव उर्फ सत्येंद्र यादव का पुत्र संतोष कुमार और स्कॉर्पियो चालक, घोसी थाना क्षेत्र के लंगडड़ी श्राव गांव निवासी सकलदेव प्रसाद का पुत्र नरेंद्र कुमार शामिल है. इनके पास से चार मोबाइल, स्कॉर्पियो, एक कैलकुलेटर और कई कागजात जब्त किये गये हैं.

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