सासाराम ग्रामीण. शहर के फजलगंज स्थित जिला शिक्षा व प्रशिक्षण संस्थान (डायट) परिसर में मंगलवार को दो दिवसीय कृषि यांत्रिकीकरण मेले का शुभारंभ हुआ. कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि सीनियर डिप्टी कलेक्टर, एलडीएम शैलेश कुमार, डीएओ प्रभाकर कुमार, सहायक निदेशक कृषि यांत्रिकीकरण दिलीप कुमार शर्मा, मृदा स्वास्थ जांच प्रयोगशाला के सहायक निदेशक नइम नोमामी, सहायक निदेशक उद्यान जितेंद्र कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. मेले के संबोधन में डीएओ ने कहा कि कृषि यांत्रिकीकरण समय की जरूरत है. इससे न केवल श्रम व समय की बचत होती है. बल्कि, उत्पादन व उत्पादकता में भी उल्लेखनीय वृद्धि होती है. आधुनिक कृषि यंत्रों का उपयोग किसानों की आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. सरकार की ओर से उपलब्ध विभिन्न अनुदान योजनाओं की जानकारी भी किसानों को दी गयी. जिससे कम लागत पर उन्नत यंत्र प्राप्त कर सकें. मेला परिसर में किसानों के लिए तकनीकी परामर्श केंद्र भी स्थापित किये गये. जहां कृषि वैज्ञानिकों व विशेषज्ञों ने फसल प्रबंधन, जैविक कृषि, सिंचाई तकनीक, उन्नत बीजों के चयन, मत्स्य पालन, उद्यानिकी व पशुपालन से संबंधित उपयोगी जानकारी प्रदान की. किसानों ने विभागीय अधिकारियों से अपनी समस्याएं साझा की व समाधान भी प्राप्त किया. मेले का उद्देश्य किसानों को आधुनिक कृषि तकनीक से जोड़ना, उन्हें नवीनतम यंत्रों के प्रति जागरूक करना तथा कृषि उत्पादन को गति देना है. कार्यक्रम के प्रथम दिन ही किसानों ने प्रदर्शनी में अत्यधिक रुचि दिखाई व बड़े पैमाने पर तकनीकी जानकारी प्राप्त की. फसल का बीमा कराने की सलाह उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में आधुनिक उपकरणों को प्रयोग कर किसान आधुनिक कृषि से जुड़ सकते हैं. उन्होंने किसानों को फसल का बीमा कराने की सलाह दी. कृषि आधारित रोजगार व सामूहिक कृषि पर भी चर्चा की. उन्होंने किसान को उनकी फसल का उचित मूल्य प्राप्त होने की भी बात कही. कहा कि किसानों को कृषि मेले के लाभ के साथ ही किसानों के लिए चलायी जा रही योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी. कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को उन्नत खेती के टिप्स दिये. मौके पर उप परियोजना निदेशक संतोष कुमार, सदर अनुमंडल कृषि पदाधिकारी गिरीराज कुमार, अतुल कुमार, कमलेश कुमार, विकास कुमार सिंह आदि शामिल थे. मेले में कृषकों को मिला 40-80 प्रतिशत तक अनुदान डीएओ ने कहा कि जिले के कृषकों को कुल 92 प्रकार के आधुनिक कृषि यंत्रों पर 40 प्रतिशत से लेकर 80 प्रतिशत तक का अनुदान दिये जाने का प्रावधान किया गया है. इसमें फसल अवशेष प्रबंधन वाले यंत्रों जैसे सुपर सीडर, जिरो-सीड-कम फर्टिलाइजर ड्रील मशीन, स्ट्रा रीपर, स्ट्रा वेलर, रीपर, आदि पर 75-80 प्रतिशत तक अनुदान जिले के किसानों को बिहार सरकार द्वारा दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि कृषि यांत्रिकीकरण योजना में गत 26 नवंबर को ऑनलाइन लाटरी के माध्यम से कुल 749 किसानों को परमिट दिया गया है. इसके आलोक में अब तक 117 किसानों के द्वारा अनुदानित दर पर कृषि यंत्रों का क्रय भी किया जा चुका है. इसमें 53 लाख 22 हजार रुपये का अनुदान किसानों को उनके बैंक खातों में सीधे डीबीटी के माध्यम से दिया जाना है. स्पेशल कस्टम हायरिंग की स्थापना पर 12 लाख तक का अनुदान जिले में फसल अवशेष प्रबंधन के लिए स्पेशल कस्टम हायरिंग कि स्थापना करने के लिए 22 प्रगतिशील किसानों को ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से स्वीकृति पत्र निर्गत किया गया है, जिसमें प्रति किसान अधिकतम 12 लाख रुपये तक का अनुदान सरकार के द्वारा यंत्र क्रय के उपरांत किसानों को दिया जायेगा. सभी संबंधित किसान निर्धारित समय सीमा के भीतर ही यंत्रों का क्रय करेंगे. अन्यथा वे सभी सरकार द्वारा दिये जाने वाले अनुदान से वंचित रह जायेगें. फसल अवशेष प्रबंधन पर है पैनी नजर डीएओ ने कहा कि फसल अवशेष जलाने की घटना पर जिला प्रशासन व कृषि विभाग की ओर से सतत निगरानी रखी जा रही है. फसल अवशेष जलाने वाले किसानों पर कृषि विभाग द्वारा जिला प्रशासन के निर्देशानुसार विधि सम्मत कार्रवाई की जा रही है. जिले में अब तक 21 किसानों पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए 47 किसानों पर कार्रवाई की गयी है. इसके साथ 53 किसानों का किसान पंजीकरण भी रद्द किया गया है.
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