राजपुर. राजपुर प्रखंड मुख्यालय स्थित उर्दू प्राथमिक स्कूल की स्थिति बदहाल है. यहां की हकीकत जब प्रत्यक्ष तौर पर देखी गयी, तो तस्वीर चौंकाने वाली थी. स्कूल में नामांकित 75 छात्र-छात्राओं की पढ़ाई महज दो कमरों में सिमटी हुई है. मजबूरी में वर्ग एक और दो के छोटे-छोटे बच्चे बरामदे में दरी बिछाकर बैठते दिखे. तेज धूप और उमस के बावजूद बच्चे अनुशासित होकर अपनी पढ़ाई में डूबे रहे. स्कूल के दोनों कमरे छात्रों से खचाखच भरे थे. बेंच-डेस्क की भारी कमी साफ नजर आयी. कई बच्चे जमीन पर बैठकर कॉपी-किताब पर झुके पढ़ाई कर रहे थे. पूछने पर प्रधानाध्यापिका रीना कुमारी ने बताया कि कुल छह शिक्षक नियुक्त हैं, लेकिन पठन-पाठन के लिए महज दो कमरे होने से समस्या आती है. लाइव विजिट में यह भी सामने आया कि स्कूल के पास खेल का मैदान नहीं है. बच्चे केवल इनडोर खेल सामग्री से ही समय गुजारते हैं. चहारदीवारी तो है, मगर उसकी ऊंचाई काफी कम है. बरसात में छत से पानी टपकने की समस्या बच्चों ने खुद बतायी. उन्होंने कहा कि कई बार कक्षाओं के बीच में ही टपकता पानी पढ़ाई को बाधित कर देता है. स्कूल प्रशासन के लिए भी कोई अलग दफ्तर नहीं है. एक छोटे से स्टोरनुमा कमरे में प्रधानाध्यापिका और शिक्षक अपना सारा काम निबटाते हैं. मिड डे मील का किचन बेहद संकीर्ण है, जबकि छात्रों के लिए केवल दो शौचालय उपलब्ध हैं. हालांकि, साफ-सफाई और रंग-रोगन की स्थिति संतोषजनक मिली. सभी बच्चे ड्रेस में सजे हुए अनुशासनपूर्वक पढ़ाई करते दिखे. यह देखकर उम्मीद बंधती है कि संसाधनों की कमी के बावजूद बच्चों और शिक्षकों का मनोबल मजबूत है. मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने बताया कि यदि सरकार अतिरिक्त कमरे, खेल मैदान और आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराए तो स्कूल की पढ़ाई और बेहतर हो सकती है. …..बरामदे में दरी बिछाकर पढ़ते हैं बच्चे, दो कमरों में सिमटा पूरा स्कूल खेल का मैदान नहीं, स्टोर रूम में चल रहा कार्यालय
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