गुड न्यूज. राज्य कैबिनेट के फैसले से स्कूलों को मिली ”संजीवनी”, बांटी मिठाई एक वर्ष के बाद पीपीसी माध्यमिकोतर विद्यालय अमझोर में लौटी खुशी स्कूल के 23 शिक्षक व नौ कर्मचारी एक वर्ष से कर रहे थे इंतजार, निःशुल्क कर रहे थे काम फोटो-17- पीपीसी माध्यमिकोतर विद्यालय में खुशी का इज़हार करते शिक्षक व छात्र. प्रतिनिधि, अकबरपुर. बिहार सरकार के कैबिनेट ने मंगलवार को कोड के अभाव में मरणासन्न पड़े अनुदानित स्कूलों को फिर से कोड देने का फैसला लिया, जिससे जिले के 30 अनुदानित स्कूलों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी. इन स्कूलों के शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मचारी और पोषक क्षेत्र के छात्रों के चेहरे खिल उठे. एक बार फिर इन स्कूलों में रौनक लौट आयेगी. बुधवार को रोहतास प्रखंड के चर्चित पीपीसी माध्यमिकोतर विद्यालय अमझोर में एक वर्ष बाद पुनः कोड मिलने की खुशी पर मिठाइयां बांटी गयीं. शिक्षक व कर्मचारियों ने एक-दूसरे के गले मिल कर बधाई दी. दरअसल, वित्त अनुदानित माध्यमिक विद्यालयों का पिछले वर्ष शिक्षा विभाग ने कोड वापस कर लिया था. इसके कारण इन स्कूलों को सरकारी सुविधाएं मिलनी बंद हो गयी थीं. इन स्कूलों में नामांकन बंद हो गया था. इसके कारण पोषक क्षेत्र के छात्रों को दूर के दूसरे स्कूलों में नामांकन कराना पड़ रहा था, जो इन स्कूलों में कार्यरत शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारियों के समक्ष भुखमरी उत्पन्न हो गयी थी. अब एक बार फिर इन स्कूलों में रौनक लौट आयेगी. गौरतलब है कि आठ अप्रैल को बिहार राज्य के मंत्रिमंडल ने बिहार के 715 अनुदानित माध्यमिक स्कूलों में 626 के कोड वापसी सहित मान्यता वापस करने के प्रस्ताव पर अपनी मुहर लगा दी. इन 626 स्कूलों में जिले के 30 स्कूल भी शामिल हैं. इस फैसले के बाद पीपीसी माध्यमिकोतर विद्यालय, अमझोर क्रम संख्या 521 के शिक्षक ध्रुव्रतारा ने कहा कि मैंने अपना सारा जीवन इस स्कूल में खपा दिया है. अंतिम समय में कोड वापसी को लेकर चिंता बढ़ गयी थी. लेकिन, यह चिंता इस सरकार ने दूर कर दी. अब एक बार फिर स्कूल में रौनक आ जायेगी. कोड वापसी के फैसले पर बधाई देने वालों में प्रखंड प्रमुख अनु कुमारी, मुखिया अनिता टोप्पो, मुखिया अली हसन, कामता सिंह, उप मुखिया लाल बिहारी सिंह, शंभू प्रसाद यादव, रामजीत उरांव, गुलाम अंसारी, जेपी सेनानी राम बहादुर आजाद, सुरेश सिंह, पूर्व मुखिया प्रतिनिधि सिद्धेश्वर शर्मा, अनुराधा देवी, नगेन्द्र कुमार पटेल, अशोक यादव, राजबली सिंह, ज्ञान प्रकाश, जितेन्द्र कुमार सिंह आदि शामिल हैं.
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