पौष्टिक आहार का इस्तेमाल करने की दी जा रही जानकारी
आंगनबाड़ी सेविकाओं का हो रहा उन्मुखीकरणफोटो-9- पोषण पखवारे को लेकर उन्मुखीकरण कार्यक्रम में शामिल सेविकाएं.
प्रतिनिधि, सासाराम सदरजिले में बच्चे व प्रसूति महिलाओं के लिए बाल विकास मंत्रालय के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग ने 14 दिवसीय पोषण पखवारा शुरू किया है. इसके माध्यम से गर्भवती धात्री महिलाओं को पौष्टिक आहार का इस्तेमाल करने की जानकारी दी जा रही है. इस पखवारे का शुभारंभ आठ अप्रैल से किया गया है, जो 22 अप्रैल तक चलेगा. इस पखवारे को धरातल पर पहुंचाने के लिए आंगनबाड़ी सेविकाओं का सहयोग लिया जा रहा है, जिनका पीरामल स्वास्थ्य द्वारा प्रखंड स्तर पर उन्मुखीरकण किया जा रहा है. इसकी जानकारी पीरामल स्वास्थ्य के प्रोग्राम लीडर अर्जुन गोस्वामी व आइसीडीएस की पर्यवेक्षिका कंचन कुमारी द्वारा सेविकाओं को गर्भवती महिलाओं को पोषणयुक्त आहार लेने की जानकारी दी जा रही है. पर्यवेक्षिका ने बताया कि इस पखवारे के तहत कई गतिविधियां कराने के साथ बच्चे, गर्भवती व धात्री महिलाओं को पौष्टिक आहार सेवन की जानकारी दी जाती है. इसके लिए जगह-जगह मेले का भी आयोजन किया जाता है. उन्मुखीकरण के दौरान सेविकाओं को प्रसूति महिलाओं को करायी जाने वाली अलग-अलग गतिविधियों से अवगत कराया गया. उन्होंने कहा कि पखवारे के तहत इस कार्यक्रम को अंतिम पायदान तक पहुंचाया जायेगा.बच्चे के जन्म से पूर्व महिलाओं को लेना चाहिए पौष्टिक आहार
पीरामल स्वास्थ्य के प्रोग्राम लीडर ने उन्मुखीकरण कार्यक्रम में मौजूद आंगनबाड़ी सेविकाओं को बताया गया कि बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए जरूरी है कि बच्चे के जन्म से पहले ही गर्भवती महिलाओं को बेहतर पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जाये. इसके लिए सरकार प्रतिवर्ष पोषण पखवारा कार्यक्रम आयोजित करती है. इस पोषण पखवारे के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को दी जाने वाली पौष्टिक आहार के बारे में पूर्ण जानकारी उपलब्ध करानी होती है. गर्भवती महिलाओं को समय-समय पर स्वास्थ्य जांच के साथ-साथ पौष्टिक आहार लेने से प्रसव के दौरान किसी तरह की समस्याएं नही होती हैं. ऐसा करने से जहां एक ओर एनीमिया की समस्या दूर होगी, वही बच्चों में कुपोषण की समस्या भी नही हो सकेगी.कौन-कौन सी होंगी गतिविधियां
पोषण पखवारे को लेकर आइसीडीएस निदेशालय से सभी जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (आइसीडीएस) को पत्र निर्गत किया है. इसमें विभिन्न प्रकार की गतिविधियों की जानकारी दी गयी है. इसमें जीवन के प्रथम 1000 दिनों पर ध्यान केंद्रित करना, पोषण ट्रैकर पर स्व पंजीकरण के लिए मॉड्यूल का प्रचार प्रसार करना, सीसैम मॉड्यूल के कार्यान्वयन के माध्यम से कुपोषण का प्रबंधन, बच्चों में मोटापे से निपटने के लिए स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए जागरूक करने, मिशन लाइफ (विश्व पर्यावरण दिवस 2025) समेत कई नियमित गतिविधियां शामिल हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है