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मुख्यमंत्री गुरु शिष्य परंपरा योजना, से विलुप्त होती कलाओं का होगा पुनर्जागरण : डॉ विभा

जिला कला संस्कृति पदाधिकारी डॉ विभा भारती ने जिलाधिकारी अमन समीर के आदेश के बाद विभिन्न विलुप्तप्राय सांस्कृतिक विरासत को वापस लाने के लिए इनसे संबंधित गुरुओं की तलाश शुरू करा दी है.

छपरा. कला, संस्कृति एवं युवा विभाग बिहार के निर्देश पर सारण जिले में भी कला और संस्कृति के संरक्षण, संवर्धन एवं विकास के साथ-साथ दुर्लभ और विलुप्तप्राय सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री गुरु शिष्य परंपरा योजना को अमली जामा पहनाने की कवायद शुरू हो गयी है. जिला कला संस्कृति पदाधिकारी डॉ विभा भारती ने जिलाधिकारी अमन समीर के आदेश के बाद विभिन्न विलुप्तप्राय सांस्कृतिक विरासत को वापस लाने के लिए इनसे संबंधित गुरुओं की तलाश शुरू करा दी है. इसके लिए आवेदन भी लिए जा रहे हैं. अब तो राज्य सरकार ने आवेदन लेने की तिथि को 31 अगस्त तक विस्तारित कर दी है ऐसे में और लोगों और कलाकारों को मौका मिलेगा.

विभिन्न विधाओं में मिलेगी ट्रेनिंग : राज्य सरकार के इस योजना के तहत दुर्लभ और विलुप्तप्राय कला विधाओं को संरक्षित करने के लिए सारण के युवा प्रतिभाओं को विशेषज्ञ गुरुओं द्वारा प्रशिक्षित किया जायेगा. योजना में प्रशिक्षण अवधि 2 वर्ष निर्धारित की गई है. सबसे बड़ी बात है कि काफी संख्या में लोग इसमें रुचि ले रहे हैं और आवेदन दे रहे हैं. अभी तक 50 से अधिक आवेदन आ चुके हैं.

आर्थिक रूप से मजबूत बनेंगे कलाकार : इस योजना की खासियत यह है कि विलुप्तप्राय होती सांस्कृतिक विरासत को तो फिर वापस लाया जाएगा ही साथ ही साथ इससे जुड़े कलाकारों को आर्थिक रूप से मजबूती मिलेगी.

योजना के तहत गुरुओं को 15,000 प्रतिमाह, संगत कलाकारों को ₹7,500 प्रतिमाह और चयनित शिष्यों को प्रशिक्षण के लिए 3,000 प्रतिमाह प्रदान किया जायेगा.

कैसे होगा चयन : इस योजना के तहत गुरुओं का चयन कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार की गठित विशेषज्ञ समिति करेगी और फिर उन्हें जिला आवंटित करेगी. शिष्यों का चयन चयनित गुरु और जिला कला एवं संस्कृति कार्यालय द्वारा किया जायेगा. इसके लिए भी अंदर ही अंदर तैयारी चल रही है.

इन विधाओं में है विशेष नजर : वैसे तो सारण में ऐसी कई विधाएं हैं जो विलुप्त हो चुकी है, लेकिन इस योजना के अंतर्गत विलुप्तप्राय लोक गाथा, लोकनाट्य, लोक नृत्य, लोक संगीत, लोक वाद्य यंत्र आदि विधाओं में नयी पीढ़ी को प्रशिक्षित किया जायेगा. अब देखना है कि अन्य किन-किन विधाओं में गुरु सामने आते हैं.

प्रेक्षा गृह में करें आवेदन : सारण जिले के वरिष्ठ कलाकार और इच्छुक प्रशिक्षु अधिक जानकारी और आवेदन के लिए जिला कला एवं संस्कृति कार्यालय,सारण में संपर्क कर सकते हैं.

क्या कहते हैं अधिकारी

इस योजना का उद्देश्य केवल कलाओं का संरक्षण ही नहीं, बल्कि कला प्रेमियों को एक सशक्त मंच प्रदान करना है. जबकि बिहार राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत तथा दुर्लभ एवं विलुप्तप्राय पारंपरिक लोक एवं शास्त्रीय कलाकारों को संरक्षित एवं प्रचारित करते हुए युवाओं को विशेषज्ञ गुरुओं के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण प्रदान करना है. यह योजना मुख्यमंत्री के कला को नई ऊंचाइयां व कलाकारों को सम्मान देने हेतु दूरदर्शी व महत्वपूर्ण योजना है.

डॉ विभा भारती, जिला कला, संस्कृति पदाधिकारी, सारण

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