जलालपुर. सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना इस उद्देश्य से शुरू की थी कि 2025 तक हर गरीब को पक्की छत मिल सके, लेकिन जलालपुर प्रखंड में इस योजना का मूल मकसद ही भटक गया है. पात्र और जरूरतमंद गरीब अभी भी आवास के लिए परेशान हैं, जबकि प्रभावशाली और साधन सम्पन्न लोगों ने इसका भरपूर लाभ उठा लिया है. ग्रामीण इलाकों में स्थिति यह है कि पात्र लाभुक वर्षों से पंचायत और ब्लॉक कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनके हिस्से में सिर्फ आश्वासन और ठगी के किस्से आ रहे हैं. दूसरी ओर, अमीरों द्वारा पुराने मकान दिखाकर आवास का लाभ ले लिया गया है, तो कहीं दूसरे के मकान को फोटो खिंचवाकर योजना की राशि हजम कर ली गयी.
सोशल मीडिया पर वायरल ऑडियो ने मचाया हड़कंप
अनवल पंचायत के एक लाभुक द्वारा लेन-देन से जुड़ा ऑडियो वायरल कर देने के बाद पूरा मामला जनचर्चा का विषय बन गया है. इस ऑडियो में पैसे की मांग और गाली-गलौज स्पष्ट रूप से सुनी जा सकती है. लाभुक ने न सिर्फ सोशल मीडिया पर ऑडियो पोस्ट किया, बल्कि जिलाधिकारी को भी लिखित आवेदन सौंप दिया है. पूर्व उप प्रमुख संजय कुमार राय ने कहा कि पंचायतों में आम सभा के बाद ही लाभुकों का चयन होना चाहिए, लेकिन अनवल पंचायत में 117 आवासों की स्वीकृति में अनियमितता हुई है. उन्होंने सवाल उठाया कि जब स्थानीय मुखिया स्वयं चयन प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं, तो उसकी स्वीकृति पंचायत सभा में कैसे पास हुई. उन्होंने कहा कि जलालपुर में कोई बैठक नहीं हुई, न ही जीरो टैग की प्रक्रिया पारदर्शी रही है. आवास योजना यहां लूट योजना बनकर रह गयी है.क्या कहते हैं अधिकारी
वायरल ऑडियो की जानकारी मिली है. प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ सिर्फ पात्र व्यक्ति को मिलना चाहिए. यदि किसी पदाधिकारी या लाभार्थी द्वारा अनियमितता की पुष्टि होती है, तो संबंधित पदाधिकारी पर कड़ी कार्रवाई और राशि की रिकवरी के लिए वरीय पदाधिकारी को रिपोर्ट भेजी जायेगी.बिनोद कुमारबीडीओ जलालपुर
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