छपरा. शहर को जाम मुक्त और सुंदर बनाने के लिए नगर निगम द्वारा शुरू किया गया अतिक्रमण हटाओ अभियान अब अपनी धार खोता नजर आ रहा है. जिस रफ्तार और सख्ती के साथ इस अभियान की शुरुआत हुई थी, वह अब धीरे-धीरे सुस्ती की भेंट चढ़ता दिख रहा है. पिछले एक सप्ताह से अभियान के समय में हो रहे लगातार बदलाव और अधिकारियों की अनिश्चितता चर्चा का विषय बनी हुई है.
टाइमिंग फिक्स नहीं, पांच मिनट में सिमटा अभियान
बुधवार को अभियान की विफलता तब उजागर हुई जब दोपहर दो बजे के बाद अधिकारियों की टीम जेसीबी के साथ गुदरी बाजार इलाके में पहुंची. स्थानीय लोग अभी कुछ समझ पाते, तभी टीम को संदेश मिला कि अभियान का नेतृत्व कर रहे प्रतिनियुक्त अधिकारी एक आवश्यक बैठक में व्यस्त हैं. इसके महज पांच मिनट के भीतर ही पूरी टीम अभियान समेटकर वापस लौट गयी. कभी दोपहर 12 बजे तो कभी तीन बजे निकलने वाली टीम की कोई निश्चित समय-सारणी नहीं होने से अभियान की गंभीरता पर सवाल उठ रहे हैं.लोग बोले-आगे हो रही सफाई, पीछे से किया जा रहा कब्जा
इस अभियान को लेकर शहरवासियों में आक्रोश और निराशा दोनों है. स्थानीय निवासी जितेंद्र महतो, निर्मल कुमार श्रीवास्तव और दीप्ति सोनी ने बताया कि प्रशासन केवल औपचारिकता पूरी कर रहा है. लोगों का कहना है कि प्रशासन आगे-आगे नाला और रोड खाली कराता है, लेकिन अगले ही दिन उन्हीं स्थानों पर दोबारा अतिक्रमण हो जाता है. नागरिकों के अनुसार, जब तक स्थायी समाधान और कड़ी कार्रवाई नहीं होगी, तब तक इस तरह के अभियान का कोई लाभ नहीं मिलने वाला.निगम की अपील-शहर को सुंदर बनाने में जनता दे साथ
दूसरी ओर, नगर निगम के अधिकारियों ने अतिक्रमण की समस्या के लिए आम नागरिकों की जागरूकता की कमी को भी जिम्मेदार ठहराया है. सिटी मैनेजर वेद प्रकाश बरनवाल, अरविंद कुमार और स्वच्छता पदाधिकारी सुमित कुमार ने कहा कि केवल प्रशासन के भरोसे शहर को अतिक्रमण मुक्त नहीं रखा जा सकता. अधिकारियों ने कहा कि अतिक्रमण करने वालों को खुद सोचना चाहिए कि उनके इस कृत्य से उनके अपने परिवार और बच्चों को भी जाम की समस्या झेलनी पड़ती है. उन्होंने आह्वान किया कि स्वच्छ और सुंदर सारण के संकल्प को पूरा करने के लिए जनता का सहयोग अनिवार्य है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

