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शीतलहर को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट, डीएम ने जारी की गाइडलाइन, चौराहों पर जलेंगे अलाव

ठंड और शीतलहर के प्रकोप को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में आ गया है. जिलाधिकारी ने इस संबंध में गाइडलाइन जारी किया है.

छपरा. ठंड और शीतलहर के प्रकोप को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में आ गया है. जिलाधिकारी ने इस संबंध में गाइडलाइन जारी किया है. उन्होंने शीतलहर से बचाव को लेकर सभी एसडीओ, डीसीएलआर और सीओ को निर्देश दिया है कि सरकार की एसओपी के अनुरूप सभी आवश्यक तैयारियां समय रहते पूरी कर ली जाये. जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि दिसंबर से जनवरी के बीच में ठंड का असर काफी बढ़ जाता है. कई बार यह शीतलहर का रूप ले लेती है. इसका सबसे अधिक प्रभाव गरीब, असहाय, बेघर और खुले में जीवन यापन करने वाले लोगों पर पड़ता है. ऐसे में प्रशासन की प्राथमिकता है कि किसी भी हाल में जरूरतमंदों को ठंड से बचाने में कोई कमी न रह जाये. डीएम ने निर्देश दिया है कि मौसम विभाग, अखबार या मीडिया के माध्यम से शीतलहर की सूचना मिलते ही सभी अधिकारी बिना देरी के कार्रवाई शुरू करें. शीतलहर की स्थिति बनते ही जिले के सभी प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की व्यवस्था अनिवार्य रूप से की जाये. इसमें धर्मशाला, अस्पताल परिसर, रैन बसेरा, मुसाफिरखाना, रिक्शा व टमटम स्टैंड, प्रमुख चौराहे, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड सहित अन्य भीड़भाड़ वाले स्थान शामिल हैं. चयनित स्थलों की नियमित निगरानी भी सुनिश्चित की जायेगी. छपरा नगर निगम प्रशासन को बेघरों, दैनिक मजदूर, रिक्शा चालक और असहाय लोगों के लिए रैन बसेरों में समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गये है. जहां रैन बसेरे उपलब्ध नहीं हैं वहां पॉलिथीन शीट, टेंट और तारपोलीन के माध्यम से अस्थायी शरण स्थल बनाये जायेगे. सभी शरण स्थलों में कंबल, साफ-सफाई, सुरक्षा व्यवस्था और 24 घंटे निगरानी अनिवार्य होगी. साथ ही इन स्थानों की जानकारी आम जनता तक पहुंचाने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जायेगा. सामाजिक सुरक्षा कोषांग के अधिकारियों को जरूरतमंदों के बीच कंबल वितरण करने को कहा गया है. वहीं सिविल सर्जन को आदेश दिया गया है कि शीतलहर के दौरान बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों और आम लोगों के लिए पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाये. अस्पतालों में दवाइयों और मेडिकल स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी. शीतलहर की स्थिति में सभी सीओ प्रतिदिन अपनी रिपोर्ट जिला आपदा प्रबंधन शाखा को भेजेंगे. कृषि और पशुपालन विभाग को फसलों और पशुओं को पाला व कड़ाके की ठंड से बचाने के उपाय करने का निर्देश दिया गया है. वहीं परिवहन विभाग को कोहरे और धुंध के कारण संभावित सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए यातायात नियमों का सख्ती से पालन कराने को कहा गया है. जिलाधिकारी ने आम लोगों से अपील किया है कि शीतलहर के दौरान आपदा प्रबंधन विभाग की “क्या करें, क्या न करें” संबंधी सलाहों का पालन करें. आपात स्थिति में जिला आपातकालीन संचालन केंद्र के नंबर 06152-245023, राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र 0612-2294204/205 या टोल-फ्री नंबर 1070 पर संपर्क किया जा सकता है.

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