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Chhapra News : जेपीयू में सीनेट की बैठक आज, बजट पर लगेगी मुहर

Chhapra News : जयप्रकाश विश्वविद्यालय में शुक्रवार को सीनेट की बैठक आयोजित की जायेगी. बैठक को लेकर सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं.

छपरा. जयप्रकाश विश्वविद्यालय में शुक्रवार को सीनेट की बैठक आयोजित की जायेगी. बैठक को लेकर सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गयी हैं. बैठक में गत वर्ष सीनेट की बैठक में लिये गये निर्णय की संपुष्टि के उपरांत नये प्रस्ताव पर चर्चा की जायेगी. सीनेट सत्र के आयोजन को लेकर अलग-अलग कमेटी का भी गठन किया गया है. विश्वविद्यालय से मिली जानकारी के अनुसार गत वर्ष से अधिक के बजट पर इस वर्ष मुहर लग सकती है. पिछले वर्ष 18 मार्च को सीनेट की बैठक आयोजित की गयी थी. जिसमें तत्कालीन राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर मौजूद थे. गत वर्ष 541 करोड़ का सामान्य बजट स्वीकृत हुआ था. जबकि इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए 1394 करोड रुपये की राशि खर्च करने की बात वित्तीय वर्ष में कही गयी थी. बीते एक वर्षों में विश्वविद्यालय में कई नये भवनों का निर्माण कराया गया है. कुलपति के मार्गदर्शन में पहली बार विश्वविद्यालय में 12 से अधिक सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरू किये गये हैं. हालांकि गत वर्ष सीनेट की बैठक में विश्वविद्यालय में सत्रों को नियमित करने का मुद्दा जोर से शोर से उठाया गया था. जिसके बाद स्नातक व पीजी के कुछ सत्रों की परीक्षाएं ली गयी थीं. लेकिन अभी भी पीजी के दो सत्र विश्वविद्यालय से नदारद हैं. जबकि स्नातक के दो-तीन सत्र निर्धारित अवधि से काफी पीछे चल रहे हैं. इस बार की बैठक में भी यह मुद्दा उठ सकता है. वहीं सीनेट के कई प्रतिनिधि बैठक में नये पीजी विभागों के गठन, वोकेशनल कोर्स शुरू किये जाने तथा काफी समय से पेंडिंग छात्र संघ चुनाव को कराये जाने का मुद्दा भी उठा सकते हैं.

आंतरिक स्त्रोतों मजबूत नहीं कर सका विश्वविद्यालय

गत वर्ष सीनेट की बैठक में राज्यपाल ने कहा था कि विश्वविद्यालय अपने आंतरिक स्रोतों को मजबूत करें. जिससे विश्वविद्यालय स्तर पर ही आवश्यक कार्यों का निबटारा किया जा सके. ऐसी व्यवस्था बनाने पर चर्चा हुई थी कि सर्टिफिकेट जारी करने से लेकर अंक पत्र, माइग्रेशन तथा अन्य प्रिंटिंग से जुड़े कार्य विश्वविद्यालय परिसर में ही हो सकें. साथ ही ऑनलाइन कामकाज को निबटाने के लिए भी विश्वविद्यालय स्तर पर ही व्यवस्था बनायी जाये. जिससे किसी दूसरी एजेंसी पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा. ऐसे में कामकाज भी सुचारू ढंग से हो सकेगा. विश्वविद्यालय ने गत वर्ष की बैठक के बाद अंक पत्र, डिग्री, माइग्रेशन व अन्य जरूरी कार्यों का निबटारा अपने आंतरिक संसाधन के माध्यम से ही शुरू किया. लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत नहीं होने के कारण निर्धारित अवधि में छात्रों को जरूर डॉक्यूमेंट नहीं मिल पा रहे हैं. जिससे समस्या जस की तस बनी हुई है.

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