छपरा. सारण प्रमंडल के लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. बहुत जल्द जहां वे अयोध्या स्थित श्रीराम मंदिर से सीधे तौर पर जुड़ पायेंगे, वहीं माता सीता के जन्मस्थल जनकपुर के दर्शन भी उनके लिए आसान हो जायेंगे. इसका कारण है जिले से होकर गुजर रहा राम-जानकी पथ, जिसका निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है. शनिवार को जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने स्वयं निर्माण कार्य का स्थलीय निरीक्षण कर संबंधित अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिये.
क्या है राम-जानकी पथ
राम-जानकी पथ भगवान श्रीराम और माता सीता से जुड़ा एक ऐतिहासिक व धार्मिक मार्ग है, जो उत्तर प्रदेश के अयोध्या से नेपाल के जनकपुर तक जाता है. यह पथ न केवल श्रद्धालुओं के लिए आस्था का मार्ग है, बल्कि बिहार और नेपाल के बीच सामाजिक, सांस्कृतिक और व्यापारिक सेतु के रूप में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा.डीएम ने इन बिंदुओं पर मांगी रिपोर्ट
जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, भूमि सुधार उपसमाहर्ता मढ़ौरा, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण छपरा, पुलिस उपाधीक्षक मशरख, प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी मशरख तथा थानाध्यक्ष मशरख के साथ राम-जानकी पथ परियोजना के अंतर्गत चल रहे निर्माण कार्य एवं भू-अर्जन की अद्यतन स्थिति को लेकर मशरख प्रखंड क्षेत्र में निरीक्षण किया.निरीक्षण के दौरान मुआवजा भुगतान की धीमी प्रगति तथा अधिकांश रैयतों द्वारा कागजात जमा नहीं कराने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताते हुए शीघ्र रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया.मुआवजा भुगतान के लिए लगेगा विशेष कैंप
जिलाधिकारी ने मुआवजा भुगतान में तेजी लाने के उद्देश्य से 24 व 26 दिसंबर को मौजा बनसोई और दुमदुमा में विशेष कैंप आयोजित करने का आदेश दिया. उन्होंने निर्देश दिया कि कैंप के आयोजन से पूर्व संबंधित क्षेत्रों में बड़े-बड़े बैनर और पोस्टर लगाकर व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये. साथ ही, सभी संबंधित पदाधिकारियों के मोबाइल नंबर और कैंप स्थल का स्पष्ट उल्लेख करते हुए अधिक से अधिक रैयतों को कैंप में आने के लिए प्रेरित किया जाये, ताकि उसी दिन कागजातों की त्रुटियों का निराकरण कर मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया तेज की जा सके.अन्य मौजों में भी नियमित कैंप का निर्देश
डीएम ने यह भी निर्देश दिया कि इसी तरह अन्य छह मौजों में भी नियमित रूप से कैंप आयोजित किये जायें और उससे पहले व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित किया जाये. जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को आपदा नियंत्रण कक्ष एवं जिलाधिकारी नियंत्रण कक्ष के माध्यम से रैयतों से लगातार संपर्क कर कागजात जमा कराने के लिए प्रेरित करने तथा त्रुटि निराकरण की कार्रवाई सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया. वहीं अंचलाधिकारी व थानाध्यक्ष मशरख को निर्देश दिया गया कि वे अविलंब सभी संबंधित रैयतों के साथ बैठक कर आवश्यक कागजात प्राप्त करें. पहले से जमा कागजातों में यदि कोई त्रुटि हो तो उसका त्वरित समाधान कराया जाये. वहीं, आपसी पारिवारिक विवाद के कारण लंबित मामलों का भी निपटारा सुनिश्चित करने को कहा गया. इसके अलावा अंचल कार्यालय में एक हेल्प डेस्क स्थापित कर प्रतिदिन कार्यालय अवधि में रैयतों से कागजात लेने और इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने का निर्देश दिया गया.बीडीओ को सौंपी गयी बड़ी जिम्मेदारी
प्रखंड विकास पदाधिकारी मशरख को निर्देश दिया गया कि वे अपने अधीनस्थ सभी पंचायत सचिवों को सक्रिय करते हुए रैयतों की वंशावली निर्माण में पूर्ण सहयोग सुनिश्चित करें. वहीं, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी एवं परियोजना निदेशक, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण छपरा को निर्देश दिया गया कि निर्माण कार्य में प्रस्तावित संरचनाओं को प्राथमिकता देते हुए बिंदुवार समस्याओं का समाधान करें और मुआवजा भुगतान के साथ-साथ संबंधित स्थलों पर निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ कराएं.
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