छपरा. गर्मी के प्रकोप के साथ ही चमकी बुखार और हीट स्ट्रोक के मामलों में बढ़ोतरी की आशंका जतायी जा रही है. इन संभावित खतरों को ध्यान में रखते हुए छपरा सदर अस्पताल प्रशासन ने विशेष सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है. अस्पताल में पहले से ही व्यापक कदम उठाये जा रहे हैं, ताकि मरीजों को त्वरित और प्रभावी इलाज मिल सके. शनिवार को एइएस-जेइ नियंत्रण टीम ने अस्पताल का निरीक्षण किया और खासतौर पर नये बनाये गये आइसीयू का जायजा लिया. इस नयी यूनिट में 12 बेड की व्यवस्था की गयी है, जिसमें सभी जरूरी जीवनरक्षक उपकरण, ऑक्सीजन सिलेंडर और आवश्यक दवाइयां उपलब्ध हैं. स्वास्थ्यकर्मी इस यूनिट में 24 घंटे तैनात रहेंगे.
अस्पताल प्रबंधक राजेश्वर प्रसाद ने बताया कि हीट वेव और चमकी बुखार के संबंध में स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुसार अस्पताल में सभी आवश्यक इंतजाम किये गये हैं. उन्होंने कहा कि गर्मी का सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ता है, इसीलिए हम किसी भी तरह की लापरवाही बरतने के बजाय हर पहलू पर ध्यान दे रहे हैं. आइसीयू विभाग के इंचार्ज रणधीर कुमार ने बताया कि वर्तमान में विभाग में कोई गंभीर मरीज भर्ती नहीं है, लेकिन भविष्य में संभावित मरीजों की संख्या को ध्यान में रखते हुए सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गयी हैं. उन्होंने यह भी कहा कि आवश्यकता पड़ने पर बेड की संख्या भी बढ़ायी जा सकती है.जनता से सतर्कता बरतने की अपील
जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम भी अस्पताल प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रही है. स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, जैसे-जैसे गर्मी और नमी का स्तर बढ़ता है, एइएस जैसे संक्रमण के फैलने की संभावना बढ़ जाती है, इसलिए पहले से ही तैयारी करना बहुत जरूरी है. अस्पताल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे अत्यधिक गर्मी के समय में धूप से बचें, बच्चों को खुली धूप में खेलने से रोकें, शरीर को हाइड्रेट रखें और किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

