सोनपुर. विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेला में रेल ग्राम प्रदर्शनी रेलवे के इतिहास और वर्तमान को जानने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बन गयी है. यह प्रदर्शनी न केवल मनोरंजन का केंद्र है, बल्कि भारतीय रेल की दशकों पुरानी यात्रा, वर्तमान प्रगति और भविष्य की योजनाओं को प्रदर्शित करने वाला एक जीवंत मंच भी है. यहां आने वाले लोगों को देश की जीवन रेखा मानी जाने वाली रेल व्यवस्था को करीब से समझने का अवसर मिल रहा है. रेल ग्राम के अंदर विभिन्न विभागों से जुड़े स्टॉल लगाये गये हैं, जहां स्टीम इंजनों के दुर्लभ चित्र, ट्रेन के आकर्षक मॉडल और पुराने समय की रेलवे पटरियों के विकास को दिखाया गया है. वंदे भारत एक्सप्रेस का विशेष मॉडल, हवा में लटकता इंजन, स्लीपर कोचों की डमी, तथा जम्मू–कश्मीर की पीर पंजाल सुरंग जैसे इंजीनियरिंग चमत्कारों के मॉडल आगंतुकों को विशेष रूप से आकर्षित कर रहे हैं. सिग्नलिंग, वाणिज्य, और चिकित्सा विभाग के स्टॉल भी लोगों का ध्यान खींच रहे हैं. यात्री सुरक्षा और बिना गार्ड वाले क्रॉसिंग पर सावधानी से संबंधित जानकारी बच्चों और युवाओं के लिए शिक्षाप्रद साबित हो रही है.
टॉय ट्रेन बना बच्चों का सबसे बड़ा आकर्षण
रेल ग्राम प्रदर्शनी का सबसे बड़ा आकर्षण टॉय ट्रेन की सवारी है. लोग छोटे स्टेशन से टिकट लेकर इस छोटी रेलगाड़ी में बैठते हैं और पूरे रेल ग्राम परिसर का चक्कर लगाते हैं. यह न केवल मनोरंजन का माध्यम है, बल्कि लोगों को पुराने जमाने की ‘छुक-छुक’ ट्रेन की याद भी दिलाती है.
इतिहास से रूबरू कराने वाली प्रदर्शनी
प्रदर्शनी में बैलगाड़ी से रेल डिब्बा खींचते हुए पुराने चित्र, भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की ट्रेन यात्रा के दृश्य तथा 1927 के सोनपुर रेलवे स्टेशन की ऐतिहासिक तस्वीरें भी शामिल की गयी हैं, जो आगंतुकों को भारतीय रेल के गौरवशाली अतीत से रूबरू कराती हैं. इसके अलावा रेल ग्राम में बना सुव्यवस्थित होटल भी मेला आने वाले लोगों की पहली पसंद बन रहा है, जहां वे आराम और भोजन की बेहतर सुविधा का आनंद ले रहे हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

