गड़खा. गड़खा में शहीद इंद्रदेव चौधरी के शहादत दिवस मनाया गया. शहीद इंद्र्रदेव चौधरी 22 अगस्त, 1942 को गड़खा चौक स्थित अग्रेजों से लड़ाई लड़ते समय शहीद हो गय थे. शहीद इंद्रदेव चौधरी स्मारक समिति के अध्यक्ष वैधनाथ प्रसाद सिंह विकल ने बताया कि शहीद इंद्रदेव चौधरी पटना पढ़ाई करते थे. उसी समय महात्मा गांधी के करो या मरो का आह्वान हुआ था. जिसको लेकर शहीद इंद्रदेव अपने साथियों के साथ भारत को आजाद कराने के लिए अग्रेजों से लड़ाई लड़ने लगे जब वे पटना में लड़ाई लड़ते समय घायल हुए तो वे अपने पैतृक गांव गड़खा आ गये, उनके सर पर भारत को आजाद कराने की जुनून सवार था. गड़खा में अपने साथियों के साथ भारत को आजादी दिलाने के लिए अंग्रेजी हुकूमत से लड़ाई लड़ने लगे. 22 अगस्त, 1942 को गड़खा चौक स्थित अंग्रेजी सिपाहियों से लडाई लर रहे थे, तभी वे शहीद हो गये. अंग्रेजों के सिपाहियों ने उनका शव छपरा टाउन थाना में रखा. वहां उनके पिता जगलाल चौधरी पहुंचे और अपने शहीद पुत्र को देख कर कहा कि धन्य हो पुत्र जो तुने अपनी मां के कर्ज को उतार दिया. शहादत दिवस पर गड़खा चौक स्थित शहीद इंद्रदेव चौधरी के स्मारक पर जनप्रतिनिधि, पूर्व जनप्रतिनिधि, बुद्धिजीवी, समाजसेवी, विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता सहित कई लोगों ने मल्यार्पण कर श्रदासुमन अर्पित किया.
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