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Chhapra News : नये सत्र से पहले अपडेट की जायेंगी कॉलेजों की प्रयोगशाला

Chhapra News : स्नातक का नया सत्र जून-जुलाई के बीच शुरू होगा. सत्र शुरू होने से पहले कॉलेजों में प्रयोगशाला को अपडेट करने का निर्देश कुलपति प्रो परमेंद्र कुमार बाजपेई ने सभी प्राचार्यों को दिया है.

छपरा. स्नातक का नया सत्र जून-जुलाई के बीच शुरू होगा. सत्र शुरू होने से पहले कॉलेजों में प्रयोगशाला को अपडेट करने का निर्देश कुलपति प्रो परमेंद्र कुमार बाजपेई ने सभी प्राचार्यों को दिया है. कुलपति ने कहा है कि छात्रों को हर हाल में निर्धारित शेड्यूल के अनुसार प्रैक्टिकल की कक्षा में शामिल होना है. कुछ कॉलेजों से ऐसी शिकायत मिली है कि वहां पर प्रैक्टिकल के नाम पर महज खाना पूर्ति करायी जा रही है. पूर्व में कई छात्र संगठनों ने इस बात को लेकर कुलपति को आवेदन दिया है. जिसमें इस बात का जिक्र किया गया है कि प्रैक्टिकल परीक्षा के दौरान मनचाहा अंक देने के नाम पर अवैध उगाही की जाती है. कई कॉलेजों में प्रयोगशाला मानकों के अनुरूप नहीं हैं. कुछ कॉलेजों में तो स्नातक और पीजी की परीक्षाओं के दौरान प्रैक्टिकल के नाम पर खानापूर्ति कर दी जाती है. कई बार सोशल मीडिया पर भी प्रैक्टिकल परीक्षा के दौरान कॉलेजों में हुई अनियमितता का वीडियो वायरल हो चुका है. ऐसे में कुलपति ने सभी कॉलेजों को सख्त निर्देश दिया है कि प्रयोगशालाओं को अपडेट किया जाये और प्रैक्टिकल क्लास के लिए निर्धारित रूटीन बनाया जाये. विश्वविद्यालय की टीम भी अब लगातार कॉलेजों में जाकर प्रयोगशाला का निरीक्षण करेगी.

कॉलेज में नहीं है लैब टेक्निशियन व सहायक

कई ऐसे कॉलेज है जहां प्रैक्टिकल रूम तो है. लेकिन वहां लैब टेक्नीशियन, सहायक व अन्य कर्मियों के नहीं होने से छात्र-छात्राओं को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. कुछ साल पूर्व रामजयपाल कॉलेज को नैक से बी ग्रेडिंग प्राप्त हुई थी. छात्रों को उम्मीद थी कि कॉलेज में विकसित किये गये प्रयोगशाला का लाभ उन्हें मिलेगा. लेकिन आज छात्रों में काफी मायूसी है. इंटरमीडिएट व स्नातक के छात्रों तथा पीजी में नामांकित छात्रों को भी प्रयोगशाला का समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा है. विज्ञान संकाय के छात्र अमित, राजेश, पवन, प्रीति, मनोज आदि ने बताया कि नामांकन के बाद उन्हें एक बार भी प्रयोगशाला में जाकर प्रैक्टिकल करने का अवसर नहीं मिल पाया है. कॉलेज से मिली जानकारी के अनुसार प्रयोगशाला के विधिवित संचालन हेतु कोई भी टेक्निशिनिय व सहायक मौजूद नहीं है. जिस कारण सभी सामग्रियां धूल फांक रही है.

कई कॉलेजों में नहीं मौजूद है प्रयोगशाला के उपकरण

जिले के सभी अंगीभूत कॉलेजों में प्रैक्टिकल के लिए प्रयोगशाला तो है लेकिन अधिकतर कॉलेजों में प्रयोग में लायी जाने वाली सामग्रियां व लैब के अन्य उपकरण मौजूद नहीं होते. जिस कारण छात्रों को प्रयोगशाला में जाकर अपने विषय से संबंधित प्रयोग करने में समस्या होती है. कई कॉलेजों में तो परखनली, चम्मच, जलधार चूसन पंप, धवन बोतली, कीप, खरल, रोदनी, ब्यूरेट आदि प्रयोगशाला की सामग्रियों के विषय में छात्र-छात्राएं जानते तक नहीं है.

क्या है प्रयोगशाला के मानक

कॉलेजों में मानक के अनुसार छात्रों के लिए एक व्यवस्थित प्रयोगशाला होनी चाहिये. भौतिकी व रसायन के छात्रों के लिए अलग-अलग प्रयोगशाला की व्यवस्था की जानी चाहिये. रसायनिक प्रयोगों के लिए एक सुरक्षित प्रयोगशाला की आवश्यकता होती है. जिसके लिए सुक्ष्म उपकरण मौजूद होने चाहिये. इसके अलावें भौतिक मापो को निकालने के लिए तुला, ताप मापी, बैरो मीटर, पीएच मापी, ध्रुवण मापी आदि उपकरण आवश्यक होते है. जिन कॉलेजों में यदा-कदा छात्रों को प्रैक्टिकल करने का अवसर मिलता है. उन्हें बाहर से सामग्रीयां खरीद परीक्षा देनी पड़ती है.

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