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Saran News : दुमदुमा गांव में अबतक नहीं मिलीं बुनियादी सुविधाएं

मांझी प्रखंड स्थित दाउदपुर पंचायत के दुमदुमा गांव के नवोदय पुस्तकालय सभागार में प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम में शामिल लोगों ने कहा कि गांव में सड़क नहीं है. कई रास्ते अभी भी कच्चे हैं. नाला निर्माण आधा अधूरा है. जलजमाव की समस्या है. बरसात में परेशानी और अधिक बढ़ जाती है

छपरा. मांझी प्रखंड स्थित दाउदपुर पंचायत के दुमदुमा गांव के नवोदय पुस्तकालय सभागार में प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम में शामिल लोगों ने कहा कि गांव में सड़क नहीं है. कई रास्ते अभी भी कच्चे हैं. नाला निर्माण आधा अधूरा है. जलजमाव की समस्या है. बरसात में परेशानी और अधिक बढ़ जाती है. नल जल योजना के तहत पाइपलाइन भी ठीक ढंग से नहीं बिछायी गयी है. वहीं अब तक सप्लाइ शुरू नहीं होने से पेयजल का संकट बढ़ता जा रहा है. सामुदायिक शौचालय भी आधा अधूरा बना कर छोड़ दिया गया है, जो काफी जर्जर हो चुका है. इसका कोई मेंटेनेंस नहीं होता. ग्रामीणों ने बताया कि मुख्य सड़क से ढाला होते हुए गांव में जो सड़क आ रही है वह अतिक्रमण का शिकार है. इसकी चौड़ाई बढ़ानी चाहिए. ग्रामीण अशोक कुमार पप्पू ने कहा कि हमारा गांव काफी ऐतिहासिक रहा है, लेकिन बीते कुछ दशकों में गांव के विकास पर पूरी तरह ध्यान नहीं दिया गया. यहां के युवा बेरोजगार हैं. पलायन का दौर अभी भी जारी है.

नीलगाय करती हैं परेशान, खेत में बेची जा रही शराब

ग्रामीण दिलीप कुमार, श्रीराम सिंह, शैलेंद्र कुमार, चंद्रमा राय, श्रीकांत शर्मा, सुदर्शन प्रसाद, राम प्रसाद, पंकज कुमार श्रीवास्तव, राकेश रंजन सिन्हा, शशि सिन्हा आदि ने बताया कि आसपास जो खेत हैं. उसमें नीलगाय बराबर आ जाते हैं, जिससे फसल को नुकसान पहुंच रहा है. गांव में बंदरों का भी आतंक है, जो पेड़ पौधों को बर्बाद कर रहे हैं. वन विभाग इस दिशा में कोई जरूरी कदम नहीं उठाता. कई बार शिकायत भी की गयी है. कुछ ग्रामीणों ने बताया कि गांव के पीछे के खेतों में शराब माफिया छुप कर देसी शराब बेच रहे हैं. कई बार उत्पाद विभाग की टीम जब छापा मारती है, तो शराब के धंधेबाज खेत के रास्ते ही भागते हैं, जिससे खेत को और अधिक नुकसान पहुंच रहा है. इस समस्या का समाधान होना चाहिए. गांव में बढ़ती चोरी की समस्या से भी लोगों ने अवगत कराया.

इस वजह से है गांव की पहचान

गांव के लोगों ने बताया कि स्थानीय बुद्धिजीवियों की वजह से दुमदुमा की विशिष्ट पहचान रही है. यहां के कई लोग विभिन्न सरकारी विभागों में उच्च पदों पर कार्यरत रहे. वर्तमान में भी कई लोग देश-विदेश में अपना और गांव का नाम रोशन कर रहे हैं. खेती के दृष्टिकोण से भी गांव पहले आत्मनिर्भर था. यहां का आलू व प्याज कभी सारण की विभिन्न मंडियों तक भेजा जाता था, लेकिन आज संसाधन के अभाव में खेती प्रभावित हुई है.

स्कूलों में नियमित चले कक्षाएं, रोजगार का मिले अवसर

प्रभात खबर आपके द्वार कार्यक्रम में युवा वर्ग ने भी मजबूती से अपनी बात रखी. इंटरमीडिएट विज्ञान की छात्रा सौम्या ने कहा कि स्कूल में सुविधा बढ़ी है. शिक्षकों की संख्या भी बढ़ी है, लेकिन कभी इलेक्शन ड्यूटी तो कभी अन्य कार्यों से शिक्षकों को बाहर जाना पड़ता है. ऐसे में पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है. स्कूल में नियमित रूप से कक्षाएं चलेंगी तो बेहतर होगा. कुछ युवाओं ने कहा कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ाये जाने चाहिए. रोजगार न मिलाना सबसे बड़ी परेशानी है. गांव के लगभग हर घर से कोई ना कोई युवा आज दूसरे प्रदेशों में जाकर काम कर रहा है. अगर स्थानीय स्तर पर रोजगार मिले तो युवाओं का आत्मविश्वास और बढ़ेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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