छपरा. राष्ट्रीय बाल श्रम उन्मूलन दिवस के अवसर पर श्रम संसाधन विभाग बिहार के निर्देशन में एक जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर जागरूकता रैली निकाली गयी, जिसमें जिला श्रम अधीक्षक नीलम कुमारी, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी मुन्ना कुमार, अभिषेक कुमार, प्रियंका कुमारी, राजेश कुमार और अशोक कुमार समेत अन्य कार्यालय कर्मी शामिल हुए. रैली के माध्यम से बाल श्रम के खिलाफ जन जागरूकता बढ़ाने की कोशिश की गयी. नीलम कुमारी ने बताया कि 30 अप्रैल से आठ मई तक जिले के विभिन्न दुकानदारों, कल-कारखानों और प्रतिष्ठानों में शपथ पत्र भरवाने का कार्य किया जायेगा, साथ ही बाल श्रम उन्मूलन के लिए विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की जायेगी. उन्होंने सभी नियोजकों से अपील की कि वे बच्चों से काम न लें और बाल श्रम को समाप्त करने में सहयोग करें. वहीं, अंतरराष्ट्रीय श्रम दिवस के मौके पर एक मई को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा. यह कार्यक्रम सुबह 11 बजे छपरा परिसर में होगा. कार्यक्रम का उद्देश्य श्रमिकों को श्रम कानूनों के तहत उनके अधिकारों और लाभों के बारे में जानकारी देना है. विभिन्न वक्ता श्रमिकों के अधिकारों पर विस्तृत जानकारी देंगे, जिससे श्रमिक अपने अधिकारों को समझ सकें और उनका सही तरीके से उपयोग कर सकें.
पसीने की कीमत दो, सम्मान से जीने दो
छपरा. मजदूर दिवस के उपलक्ष्य में जिले के विभिन्न श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने प्रभात खबर के साथ बातचीत कर श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा तथा उनके सर्वांगीण विकास से जुड़े कई मुद्दों पर अपनी राय रखी. श्रमिक समन्वय समिति, ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर एसोसिएशन, मजदूर संगठन सीआइटीयू, रेलवे मजदूर यूनियन, बीपीएसआरए, सारण जिला स्वर्णकार संघ, बीमा संगठन समेत कई प्रमुख संगठन के प्रतिनिधियों द्वारा कहा गया कि श्रमिकों को काम के अनुरूप वेतन मिलना चाहिए. कई ऐसे अधिकार हैं. जिससे आज श्रमिक वंचित हैं. श्रमिकों के परिजनों को शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य आदि की बेहतर सुविधा मिले. कार्यस्थल पर आठ घंटे काम पेंशन आदि सुविधाओं को मुहैया कराये जाने पर भी मांग भी प्रतिनिधियों ने रखी. कई प्रतिनिधियों ने कहा कि सरकार को श्रमिकों के मुद्दे पर गंभीर होना पड़ेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है