छपरा (सदर) : पंचायत उपचुनाव के लिए जिले के सभी 20 प्रखंडों में वार्ड सदस्य तथा पंच के रिक्त पड़े 657 पदों पर नामांकन का कार्य सोमवार की संध्या संपन्न हो गया. इनमें वार्ड सदस्य के 38 तथा ग्राम कचहरी के पंच के 619 पद शामिल हैं. परंतु, नामांकन की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद जो सूचना जिला पंचायत कार्यालय को मिली है,
उसके अनुसार लगभग ग्राम कचहरी के कम-से-कम 100 पदों पर नामांकन पत्र दर्ज नहीं हुए हैं. जबकि ग्राम कचहरी के 100 पदों पर महज एक-एक उम्मीदवार ने ही नामांकन पत्र दाखिल किये हैं. ऐसी स्थिति में जिन वार्डों में पंच के एक ही उम्मीदवार ने नामांकन पत्र दाखिल किया है, उनके नामांकन पत्रों की जांच के बाद निर्विरोध चुना जाना लगभग तय है. इसी प्रकार वार्ड सदस्य के रिक्त 38 पदों में से भी कम-से-कम छह पर नामांकन दाखिल नहीं हुआ है. जबकि आधा दर्जन पदों पर महज एक-एक नामांकन पत्र दाखिल हुआ है. ऐसी स्थिति में इन पदों पर भी निर्विरोध चुना जाना लगभग तय है.
वार्ड सदस्य के 38 व ग्राम कचहरी के पंच के 619 रिक्त पदों पर 28 फरवरी को होगा मतदान
मलाईदार पदों पर नामांकन के लिए लंबी रहती है फेहरिस्त
वार्ड सदस्य व पंच पद को नगण्य आय वाला मानकर लोगों में नहीं दिख रहा उत्साह
कल तक होगी नामांकन पत्रों की जांच
जिला पंचायती राज पदाधिकारी संतोष कुमार के अनुसार पंचायत उपचुनाव को लेकर जिन पदों पर नामांकन हुआ है, उन पदों पर भी दो फरवरी तक नामांकन पत्रों की समीक्षा का काम पूरा कर लिया जायेगा. 28 फरवरी को उपचुनाव के लिए मतदान होना है तथा दो व तीन मार्च को मतगणना होनी है. उधर, पंचायत उप चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग विभिन्न नक्सल प्रभावित प्रखंडों में जिला प्रशासन के अनुरोध के आधार पर मतदान की अवधि कम करने के लिए भी सहमति दे चुका है. नामांकन की प्रक्रिया के बाद विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में उम्मीदवार अपने-अपने तरीके से अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए मतदाताओं से गुहार लगा रहे हैं. हालांकि उपचुनाव में भी खासकर मलाईदार नहीं माने जाने वाले वार्ड सदस्य तथा ग्राम कचहरी के पंच के पद पर पर्याप्त नामांकन नहीं होने तथा कई पदों के रिक्त रह जाने तथा बड़ी संख्या में एक ही उम्मीदवार के संबंधित क्षेत्र में नामांकन पत्र दाखिल किये जाने के बाद यह बात सामने आयी है कि पंचायत प्रतिनिधियों के मलाईदार पदों यथा जिला पर्षद सदस्य, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, सरपंच के पदों पर जहां न तो निर्विरोध निर्वाचन हो पाता है और न कोई पद नामांकन के बिना खाली रहता है. वहीं कम रसूख वाले तथा मलाईदार पद की श्रेणी में नहीं गिनती किये जाने वाले वार्ड सदस्य तथा पंच के पद पर नामांकन के प्रति आमजनों की रुचि नहीं दिख रही.