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मनरेगा में अनियमितताओं पर लगेगी लगाम

ग्रामीण विकास विभाग एक नवंबर से सेटेलाइट के माध्यम से विभाग या आम जनों को किसी मनरेगा योजना की जांच व विस्तृत जानकारी की सुविधा उपलब्ध करायेगा. छपरा (सदर) : अब मनरेगा के योजनाओं को पूरा किये बिना पैसा उठाने तथा एक ही काम पर दो या दो से अधिक बार काम दिखाकर राशि लेने […]

ग्रामीण विकास विभाग एक नवंबर से सेटेलाइट के माध्यम से विभाग या आम जनों को किसी मनरेगा योजना की जांच व विस्तृत जानकारी की सुविधा उपलब्ध करायेगा.

छपरा (सदर) : अब मनरेगा के योजनाओं को पूरा किये बिना पैसा उठाने तथा एक ही काम पर दो या दो से अधिक बार काम दिखाकर राशि लेने वालों की निगरानी सेटेलाइट के माध्यम से होगी. एक नवंबर 2016 से जिले में ग्रामीण विकास विभाग के सेटेलाइट ‘जियो टैगिंग’ के माध्यम से देश या दूसरे देश के किसी कोने में बैठा व्यक्ति अपने पंचायत और गांव में इंदिरा आवास की किसी भी योजना की प्रगति एवं काम के पूरा होने की जानकारी ले सकता है.
इस सेटेलाइट के माध्यम से जियो टैगिंग में प्रत्येक पंचायत एवं गांव की देशांतर एवं अक्षांशीय दूरी अंकित रहेगी. ‘भूवन मनरेगा’ नामक वेबसाइट के माध्यम से प्रत्येक योजना की तसवीर संबंधित ऐप के माध्यम से मिल जायेगी.
एक अप्रैल 2013 से अबतक की पूरी 20357 योजनाओं की पूरी जानकारी है अपलोड : ग्रामीण विकास विभाग के इस सेटेलाइट में एक अप्रैल 2013 से अबतक मनरेगा के तहत सारण जिले में पूरी 20357 सड़क, नाला, चबूतरा, तालाबों के घाट, पौधारोपण आदि की जानकारी देश-विदेश में बैठे आम लोगों को भी लेने में व पूरी योजना के बारे में जानने में कोई परेशानी नहीं होगी. वहीं केंद्र व राज्य सरकार की पदाधिकारियों को भी किसी योजना के संबंध में शिकायत मिलने पर जांच करने में कोई परेशानी नहीं होगी.
सारण जिले में 2969 योजनाएं लंबित है. हालांकि इन योजनाओं की जानकारी नहीं मिल पायेगी. ग्रामीण विकास विभाग के निर्देश के आलोक में इस योजना को धरातल पर उतारने के साथ-साथ मनरेगा के तहत बेहतर काम करने के लिए मनरेगा के पीओ, पीआरएस, पीटीएस तथा संबंधित पंचायत के मुखिया को भी प्रशिक्षण देकर मनरेगा योजनाओं के बेहतर कार्यान्वयन एवं पारदर्शिता के संबंध में जानकारी दी जा रही है.
योजना के अपर जिला कार्यक्रम समन्वयक सह डीडीसी सुनील कुमार की देख-रेख में 17 अक्तूबर से 24 अक्तूबर तक जिले के विभिन्न प्रखंडों के मुखिया व मनरेगा के अन्य पदाधिकारियों एवं कर्मियों का प्रशिक्षण चलाया जा रहा है. जिससे मनरेगा के योजनाओं का बेहतर कार्यान्वयन हो सके.पंचायतों में वृक्षारोपण के लिए सभी 323 पंचायतों के मुखियों को निर्देश दिया जा रहा है कि जिस एजेंसी से फलदार वृक्षों के पौधे खरीदते है उसे भुगतान का काम जिला स्तरीय समिति करेगी.
चालू वित्तीय वर्ष में इन कार्यों को करने पर जोर
15 नवंबर तक प्रत्येक पंचायत में 10 हजार फलदार पौधों की रोपनी का कार्य
जहां सरकारी चापाकल के पास नाली नहीं है वहां सोख्ता बनाने का निर्देश
प्रत्येक पंचायत में मनरेगा भवन बनाने का लक्ष्य
प्रत्येक घर में विद्युत कनेक्शन पहुंचाने का लक्ष्य
12 हजार रुपये सरकारी सहायता देकर प्रत्येक घर में शौचालय बनाने का लक्ष्य
पौधारोपण कर तीन वर्ष के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में फल के मामले में आत्म निर्भरता के साथ-साथ भविष्य में लकड़ी की समस्या से निजात व पर्यावरण संतुलन भी उद्देश्य
योजनाओं की जानकारी देश-विदेश में बैठे-बैठे आम व्यक्ति अपने गांव एवं पंचायत के बारे में जान सकता है. वहीं केंद्र व राज्य सरकार के पदाधिकारी भी सेटेलाइट के माध्यम से मनरेगा की योजनाओं की निगरानी एवं जांच आसानी से कर पायेंगे.
सुनील कुमार, अपर जिला कार्यक्रम समन्वयक, मनरेगा, सह डीडीसी, सारण

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