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गंडामन मिड डे मील हादसा : हेडमास्टर मीना देवी को 17 साल की सजा

छपरा : मशरक के गंडामन धर्मासती स्थित विद्यालय में विषाक्त मध्याह्न भोजन खाने से 23 बच्चों की हुई मौत के मामले में कोर्ट ने सोमवार को सजा सुनायी. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय विजय आनंद तिवारी ने मशरक थाना कांड संख्या 154‍/13 की सत्रवाद संख्या 811/13 में आरोपित विद्यालय की तत्कालीन प्रधान शिक्षिका मीना […]

छपरा : मशरक के गंडामन धर्मासती स्थित विद्यालय में विषाक्त मध्याह्न भोजन खाने से 23 बच्चों की हुई मौत के मामले में कोर्ट ने सोमवार को सजा सुनायी. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय विजय आनंद तिवारी ने मशरक थाना कांड संख्या 154‍/13 की सत्रवाद संख्या 811/13 में आरोपित विद्यालय की तत्कालीन प्रधान शिक्षिका मीना देवी को भादवि की दो धाराओं के तहत अलग-अलग सजा व अर्थदंड का आदेश सुनाया. एडीजे द्वितीय ने मीना देवी को भादवि की धारा 304 भाग दो में 10 वर्ष सश्रम कैद व 2.50 लाख अर्थदंड और धारा 308 भाग दो में सात वर्ष सश्रम कैद व 1.25 लाख अर्थदंड की सजा सुनायी है. न्यायाधीश ने आदेश में कहा है कि 31 सीआरपीसी के 34 बंधों के अधीन दोनों सजाएं अलग-अलग होंगी.
पहले 10 वर्षों की सजा काटनी होगी. उसके बाद सात वर्ष सश्रम कैद की सजा शुरू होगी. वहीं, अर्थदंड के बारे में दिये आदेश में कहा है कि 2.50 लाख की राशि में 2.30 लाख की राशि को पीड़ितों के माता-पिता को प्रतिकर के रूप में भुगतान किया जाये. साथ ही धारा 308 के तहत 1.25 लाख के दंड की राशि को पीड़ित व बीमार बच्चों के परिजनों के बीच बराबर भाग में प्रतिकर के रूप में भुगतान किया जाये.
न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि माता-पिता के लिए संतान की क्षति अपूरणीय है, धन की कोई भी मात्रा पर्याप्त नहीं हो सकती. फिर भी पीड़ित बच्चों के संताप एवं पीड़ा पर विचार करते हुए उनके पुनर्वास के लिए क्षति का निर्धारण आवश्यक है. उन्होंने प्रतिकर भी राशि को पीड़ितों के लिए अपर्याप्त माना और सीआरपीसी की धारा 357 के तहत प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए पीड़ितों को बिहार पीड़ित प्रतिकर स्कीम 2014 के अंतर्गत उनके पुनर्वास हेतु समुचित प्रतिकर प्रदान किये जाने के लिए मामले को जिला विधिक सेवा प्राधिकार को अनुशंसित किया है.
कीटनाशक में बना मिड डे मील खाने से हुई थी 23 बच्चों की मौत
16 जुलाई, 2013 को गंडामन स्थित विद्यालय में कीटनाशक में बना मिड डे मील खाने से 23 बच्चों की मौत हो गयी थी, वहीं 25 बच्चे बीमार हो गये थे, जिनका इलाज पीएमसीएच में किया गया था. इस मामले में मृत पहले बच्चे आशीष कुमार के पिता अखिलानंद मिश्र ने प्रधान शिक्षिका मीना देवी समेत अन्य पर प्राथमिकी दर्ज करायी थी.
पति अर्जुन राय हो चुका है बरी : अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-2 ने हादसे के तीन साल व 38 दिन बाद गत 24 अगस्त को तत्कालीन हेडमास्टर मीना देवी को दोषी करार दिया था, जबकि उसके पति अर्जुन राय को बरी कर दिया था. सत्र न्यायाधीश-2 ने मीना के खिलाफ भादवि की धारा 302, 307 व 328 हटा कर धारा 304 व 308 के तहत दोषी करार दिया था और सजा सुनाये जाने की तारीख 29 अगस्त तय की थी.

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